Next day morning : 09/06/2017 : 06:00 AM :-
जब आप किसी अपने के साथ होते हो और एक शांत जगह पर बैठ कर अपने मन की बात कर रहे होते हो तो न तो समय का पता चलता है और ना ही वहा से उठ कर जाने का मन करता है। यही कुछ हुआ शब्द और श्लोक के साथ। पिछली रात शब्द के लिए जितने अनसुलझे सवालो के जवाब लेकर आई थी उससे कही ज्यादा अपने पन का सैलाब लेकर आई थी। जिसकी उसे इस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी। इसलिए बेफिक्र होकर छत पर ही चैन की नीद सो रहा था श्लोक की बाहों मे। दोनो कल रात बात करते करते कब सो गए उन्हे पता ही नही चला। सुबह जब सूरज की धीमी धीमी किरणे शब्द के चेहरे पर पङी तब उसकी आँख खुली। आँख खुलते ही उसने खुद को श्लोक की बाहो मे पाया। श्लोक अभी भी नीद मे ही था। शब्द ने श्लोक का चेहरा देखा और उसकी मासूमियत देख कर शब्द के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और वो श्लोक को देखता ही रह गया। इतने मे श्लोक की भी आँख खुलती है और वो शब्द को खुद को यू बेसुद देखते हुए देखता है और कहता है "क्या देख रहे हो जनाब??"
श्लोक की बात सुन शब्द श्लोक के माथे पर kiss करता है और कहता है " why didnt i notice you before?"
यह सुनकर श्लोक हसता है और कहता है "तुम अपनी खयालो की दुनिया से बाहर निकलो तब तो ध्यान दो की यहा और भी लोग है"
श्लोक की बात सुन कर शब्द को याद आता है कि आज तो उसकी एक बहुत ही important meeting है। शब्द तुरंत ही उठ कर बैठ जाता है और कहता है "चलो मै तुम्हे शाम को मिलता हूँ आज मुझे एक बहुत जरूरी काम है" और वहा से उठने की कोशिश करता है तो श्लोक उसका हाथ पकङ के उसे रोकता है और कहता है "please dont go anywhere today. मै आज का सारा दिन तुम्हारे साथ रेहना चाहता हूँ, तुम्हारे बारे मे जान ना चाहता हूँ, तुम्हे समझना चाहता हूँ।"
शब्द श्लोक के हाथ पर हाथ रख कर कहता है " हम कल पक्का सारा दिन साथ रहेगे पर आज मेरा जाना बहुत जरूरी है, मैने आज की meeting के लिए बहुत दिनो तक इंतजार किआ है और अगर आज मै इस opportunity को जाने देता हूँ तो फिर पता नही मुझे ये मौका दोबारा मिलेगा या नही"
श्लोक शब्द की बात मान लेता है और कहता है "ok चलो ठीक है आज तुम अपना काम करलो लेकिन कल मै कोई बात नही सुनुगा और हा कल मै तुम्हे मुम्बई घुमाने ले चलूगा।"
श्लोक की ये बात सुनकर शब्द हसा और बोला " तुम घुमाओगे?? तुम्हे अपने college के अलावा कुछ पता भी है यहा।" शब्द को हंसता देख श्लोक बोला " तुम्हे घुमा दू इतना तो पता ही है और घूमना तो बस एक बहाना है मुझे तो तुम्हारे साथ time spend करना है।and why the way तुम हंसते हुए ज्यादा अच्छे लगते हो तो हंसा करो।" ये कहते हुए शब्द श्लोक की आँखो मे खुद के लिए प्यार महसूस कर सकता है और वो उसे kiss करता है और कहता है " चलो अब यहा से मुझे ready भी होना है।"
Next day morning : 10/06/2018 : 08:00 AM :-
शब्द के flat की door bell बजती है। शब्द तो अभी तक सो कर भी नही उठा था, उसकी तो आँख ही door bell की आवाज से खुली थी और अपनी आँख मलते हुए उसने दरवाजा खोला "तुम!!! इतनी सबह सुबह?"
सामने श्लोक खङा था शब्द को एसे देख रहा था मानो बहुत ज्यादा गुस्सा हो "not again!!! तुम फिर से अपनी खयालो की दुनिया मे सो रहे थे क्या? भूल गए क्या हमे आज घूमने जाना था and please open the door first let me in."
"Oh i am sorry. Please come in" कहते हुए शब्द दरवाजा खोलता है और श्लोक अंदर आता है और शब्द का प्यारा सा चेहरा देख उसका सारा गुस्सा उङन छू हो जाता है और वो आगे बङ कर शब्द को kiss करता है। शब्द श्लोक को अपने से अलग करता है और कहता है "अरे ! अरे ! मैने तो अभी तक brush भी नही किआ। बस मुझे 5 मिनट दो मै ready हो कर आता हूँ।"
Same day evening : 10/06/2018 : 06:15 PM :-
सारा दिन घूम फिर कर और एक दूसरे के Family, friends और बचपन से लेकर अब तक के मजेदार और दिलचस्प किस्से सुनकर दोनो थक जाते है और मरीन ड्राइव पर आकर रुक जाते है। sunset देखने के लिए दोनो वही बैठ जाते है। तभी श्लोक पूछता है " ये सब तो ठीक है लेकिन मुम्बई आने के बाद तुमने कभी अपने पापा से बात क्यो नही की।" इस पर शब्द कहता है "पापा कभी भी मेरे इस फैसले से खुश नही थे और मैने तो कई बार कोशिश की पापा से बात करने की लेकिन वो कभी फोन पर आए ही नही।"
श्लोक शब्द की उदासी समझ जाता है और माहोल को थोङा हल्का करने के लिए कहता है "चलो कोई बात नही माँ से तो बात होती ही है ना और पापा भी कब तक नाराज रहेगे। आज नही तो कल वो भी मान जाऐगे। और अपने इकलौते बेटे से कोन ज्यादा देर तक नाराज रह सकता है और जब बेटा इतना प्यारा हो तो।" ये कहते हुए श्लोक ने शब्द के दोनो गाल खीच दिए। श्लोक ने फिर शब्द से पूछा " चलो ये बात जाने दो, कल की तुम्हारी meeting का क्या हुआ।" श्लोक की ये बात सुन कर तो शब्द और भी मायूस हो गया और बोला "कुछ नही फिर से rejection!" शब्द को मायूस देख श्लोक ने उसका होसला बङाने के लिए कहा "कोई बात नही आगे और भी मोके मिलेगे। and anyways मै सुबह से तुम्हारा music , music सुन रहा हूँ लेकिन तुमने अभी तक मुझे कुछ सुनाया नही है।"
"Hmmmmm... जरूर सुनाउगा" यह कहते हुए शब्द की आँखे नम हो गई।
"Hey ! Hey ! Hey ! What happen? मैने कुछ गलत कह दिआ क्या?" शब्द की आँखो की नमी को भांपते हुए श्लोक ने उसका हाथ पकङ कर पूछा।
"नही आज इतने दिनो के बाद किसी ने मुझे मेरा गाना सुन ने के लिए बोला तो अच्छा लगा।" यह कहते हुए शब्द थोङा मुस्कुरा दिआ।
"Aaawww my cutie. और देखना मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन ये पूरा मुम्बई, ये पूरा देश और ये पूरी दुनिया तुम्हारी आवाज और तुम्हारा गाना सुनेगी।" शब्द को होसला देते हुए श्लोक ने कहा और शब्द को गले लगा लिआ। शब्द ने भी श्लोक को थोङी कसकर अपनी बाहो मे जकङ लिआ। मानो वो ये जता रहा हो कि श्लोक के अलावा यहा सब झूठ और फरेब है। श्लोक ने शब्द को गले लगाए हुए ही फिर से पूछा "लेकिन मै अभी तक समझ नही पा रहा हू कि एसा क्या हो गया जो तुम इतने उदास और खोए खोए रेहते हो। rejections भी तो success का हिस्सा है। आज reject हुए हो तो कल select भी हो जाओगे। और रही बात माँ पापा की तो वो भी एक ना एक दिन मान जाएगे और...."
श्लोक की बात को बीच मे ही काटते हुए शब्द खुद को श्लोक की बाहो से दूर करता हुआ बोला "जाने दो हम फिर कभी बात करेगे इस बारे मे। मै तुम्हारा आज का दिन खराब नही करना चाहता।"
श्लोक भी कहा मानने वाला था। छोटे बच्चो की तरह जिद करते हुए बोला "नही मुझे तो आज ही जानना है कि एसा क्या हुआ है जो तुम एक अलग ही दुनिया मे खोए रेहते हो और तुम भूल रहे हो शायद हम एक दूसरे को समझने, एक दूसरे के बारे मे जानने ही तो बाहर आए थे। तो मुझे तो आज ही बात करनी है इस बारे मे।"
"Ok! बताता हूँ! मै केवल singing ही नही करता मै अपने गाने लिखता भी हूँ। मुझे लिखना उतना ही पसंद है जितना गाना गाना। मै जब मुम्बई आया तो जैसा मैने बताया, माँ और पापा बिल्कुल भी मेरे इस फैसले के साथ नही थे लेकिन मै फिर भी उनसे लङ झगङ के यहा आ गया। क्योकी मुझे खुद पर भरोसा था की मै अपने सपने सच कर सकता हूँ और एक बार मै सही साबित हो गया तो माँ पापा भी मुझे समझ जाऐगे और मुझे माफ कर देगे। लेकिन पापा सही कहते थे कि बाहर दुनिया मे बहुत खराब लोग बैठे है जो सिफॆ इसी इंतजार मे है कि कब हम उनके चंगुल मे फसे और वो हमारा फायदा उठा सके। एसा ही मेरे साथ हुआ। मै एक music director से मिला। 2 महीने के बाद मुझे उसकी appointment मिली थी। जब मैने उसे अपने गाने सुनाए तो वो बहुत खुश हुआ। उसे मेरी writing and singing दोनो ही बेहद पसंद आई थी। उसने मुझसे वादा किआ की वो मुझसे मेरे सारे songs का copyright खरीदेगा और मुझे singing का मौका भी देगा। composition ready करने के लिए उसने मुझसे मेरी dairy जिसमे सारे songs लिखे हुए थे वही office मे छोङने को कहा। मै भी उस पर भरोसा कर वैसा ही किया जैसा उसने बोला। उसने मुझे 2 महीने बाद की date दी recording के लिए और मैने 2 महीने इंतजार भी किया उसके फोन का। लेकिन इसी बीच एक फिल्म आई जिसकी कहानी ज्यादा अच्छी नही थी लेकिन फिल्म के music ने उसमे जान डाल दी थी और वो फिल्म एक बहुत बङी hit साबित हुई सिफॆ उसके music की वजह से। अगर मै उस फिल्म का नाम तुम्हे बताउ तो तुम विश्वास नही करोगे की वो सारे गाने मेरे लिखे हुए है। मुझे ये सब जान कर एक धक्का लगा और बहुत गुस्सा भी आया उस director पर। मैने उस director से मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन मै नही मिल पाया। और मेरे पास कोई रास्ता भी नही था खुद को साबित करने का। वो बहुत बङा आदमी है उसके आगे मेरी कौन सुनेगा।मै इस industry के लिए नया था मुझे ना इस industry के बारे मे कुछ मालूम था ना इसके तौर तरीके। मैने एक दिन गुस्से मे उस director के office मे तोङ फोङ कर दी इस उम्मीद से की शायद वो मुझे बस एक बार मिल सके , ताकी मै उससे पूछ सकू की उसने मेरे साथ एसा क्यो किया। लेकिन इसका उल्टा ही हुआ उस director ने मुझे इस industry से ही black list करवा दिया और मुझे बाहर का रास्ता दिखा दिआ। लैकिन मैने फिर भी हार नही मानी और तब से आज तक मै सिफॆ music directors and music companies के चक्कर ही काट रहा हूँ और हर जगह से मुझे एक ही जवाब मिलता है। एक pvt company मे accountant की जोब भी इसी लिए कर रहा हूँ ताकी कुछ और समय यहा मुम्बई मे बिता सकू और अपने सपनों का जहां पा सकू" यह कह कर शब्द चुप हो जाता है और वहा एक दम शांती फैल जाती है। श्लोक को भी समझ नही आ रहा है कि वो शब्द को क्या बोले, क्या बोल कर शब्द का होसला बङाए। कुछ देर सोचने के बाद श्लोक बोलता है "मेरे पास एक idea है। मै आज ही dad से बात करता हूँ इस बारे मे। वो मुम्बई मे काफी लोगो को जानते है, शायद वो हमारी कोई help कर पाए।"
श्लोक की यह बात सुन शब्द थोङी ऊँची आवाज मे बोलता है "नही मै किसी की help नही लेना चाहता, मुम्बई आना भी मेरा फैसला था और उस music director के पास जाना भी, तो अब जो भी concequencess है उनका सामना भी मुझे ही करना होगा। मै इस मामले मे किसी की help नही लेना चाहता। मै अपने सपनों का जहां किसी की दी हुई भीख पर नही बसाना चाहता। i am realy sorry! मै तुम्हारी बहुत respect करता हूँ लेकिन मै ये बात नही मान सकता।"
शब्द की हताशा को समझते हुए श्लोक बोलता है "Ok! Ok! Big no to dady! लेकिन हम कुछ और तो कर ही सकते है ना"
"कुछ और मतलब" श्लोक की तरफ देखते हुए शब्द कहता है।
"मैने TV पर देखा है Indian idol के audition शुरू हो गए है। So why dont you try this way to enter in this industry? यहा ना तो तुम्हे किसी की help की जरूरत पङेगी और ना कोई music director तुम्हे यहा रोक सकता है।"
शब्द श्लोक की बात सुन कर चुप हो जाता है। उसे समझ नही आता की क्या वो ये कर सकता है। एक बंद कमरे मे गाने लिखना और music directors के सामने गाना एक अलग बात है और इस तरह TV पर लाखो लोगो के सामने गाना अलग।तभी श्लोक बोलता है "अब इतना भी मत सोचो इस बारे मे। ये एक public platform है यहा से आगे तुम सिफॆ अपने tallent के सहारे ही बङ सकते हो। एक बात हमेशा याद रखना, कोई तुम्हारे हाथ से छीन सकता है लेकिन तुम्हारी किस्मत से नही।"
"माँ! माँ भी यही कहा करती थी।" शब्द एक दम स्तब्ध हो कर कहता है।
"हा तो उठो फिर, यहा क्या बैठे हो Mr. बहुत सारी तैयारी करनी है।" श्लोक खङे होकर शब्द का हाथ पकङ कर उसे उठाते हुए कहता है। "उठो मेरे next Idian idol। मै सारी details पता करता हूँ और तुम जम कर practice करो। अब तुम्हे तुम्हारा सपनों का जहां पाने से कोई नही रोक सकता।"
"हाँ लेकिन उससे पेहले मै तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ जो मै आज सुबह से कहना चाह रहा हूँ लेकिन नही कह पाया था। I LOVE YOU SHLOK" झिझकते हुए आखिर शब्द ने अपने प्यार का इजहार कर ही दिआ था।
"I LOVE YOU TOO my next Indian idol." ये बोल कर श्लोक ने शब्द को kiss किआ। "lets go now मुझे बहुत सारी तैयारियाँ करनी है, तुम्हारी costume, तुम्हारी hair style ohh my god i am so much excited now."
Present day :14/07/2018 :-
आज मुम्बई मे Indian Idol का audition है और शब्द अपनी performance के लिए अंदर judges के सामने है और श्लोक बाहर हाथ जोङे भगवान को प्राथना कर रहा है। वो लङका जिसने केवल त्योहारो के दिन ही भगवान को याद किआ हो वो आज बिना किसी त्योहार के भगवान को याद कर रहा था। आखिर क्यो ना हो आज उसके प्यार के सपनों के जहां की ओर एक नई शुरूआत जो होने जा रही थी।
मुझे और श्लोक दोनो को पूरा यकीन है कि शब्द ये audition को जरूर पास कर लेगा और Indian idol भी बन जाएगा और शब्द अपने सपनों का जहां भी पा लेगा श्लोक के साथ।
लेकिन आगे क्या होगा शब्द और श्लोक के रिश्ते का। शब्द एक सफल गायक और संगीतकार बन भी जाए और उसके माँ पापा सारे गिले शिकवे भुला कर उसे अपना भी ले। लेकिन क्या शब्द और श्लोक के माता पिता अपने दोनो बच्चो का ये रिश्ता अपना पाएगे? शायद कुछ बाते समय पर ही छोङ देनी चाहिए।आगे क्या होगा वो तो वक्त ही तय करेगा लेकिन अभी इस बात खुशी है कि शब्द को श्लोक का साथ मिल गया। और बिना श्लोक के साथ के शब्द शायद अपने सपनों के जहां के इतने नजदीक ना पहुँच पाता।
जब आप किसी अपने के साथ होते हो और एक शांत जगह पर बैठ कर अपने मन की बात कर रहे होते हो तो न तो समय का पता चलता है और ना ही वहा से उठ कर जाने का मन करता है। यही कुछ हुआ शब्द और श्लोक के साथ। पिछली रात शब्द के लिए जितने अनसुलझे सवालो के जवाब लेकर आई थी उससे कही ज्यादा अपने पन का सैलाब लेकर आई थी। जिसकी उसे इस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी। इसलिए बेफिक्र होकर छत पर ही चैन की नीद सो रहा था श्लोक की बाहों मे। दोनो कल रात बात करते करते कब सो गए उन्हे पता ही नही चला। सुबह जब सूरज की धीमी धीमी किरणे शब्द के चेहरे पर पङी तब उसकी आँख खुली। आँख खुलते ही उसने खुद को श्लोक की बाहो मे पाया। श्लोक अभी भी नीद मे ही था। शब्द ने श्लोक का चेहरा देखा और उसकी मासूमियत देख कर शब्द के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और वो श्लोक को देखता ही रह गया। इतने मे श्लोक की भी आँख खुलती है और वो शब्द को खुद को यू बेसुद देखते हुए देखता है और कहता है "क्या देख रहे हो जनाब??"
श्लोक की बात सुन शब्द श्लोक के माथे पर kiss करता है और कहता है " why didnt i notice you before?"
यह सुनकर श्लोक हसता है और कहता है "तुम अपनी खयालो की दुनिया से बाहर निकलो तब तो ध्यान दो की यहा और भी लोग है"
श्लोक की बात सुन कर शब्द को याद आता है कि आज तो उसकी एक बहुत ही important meeting है। शब्द तुरंत ही उठ कर बैठ जाता है और कहता है "चलो मै तुम्हे शाम को मिलता हूँ आज मुझे एक बहुत जरूरी काम है" और वहा से उठने की कोशिश करता है तो श्लोक उसका हाथ पकङ के उसे रोकता है और कहता है "please dont go anywhere today. मै आज का सारा दिन तुम्हारे साथ रेहना चाहता हूँ, तुम्हारे बारे मे जान ना चाहता हूँ, तुम्हे समझना चाहता हूँ।"
शब्द श्लोक के हाथ पर हाथ रख कर कहता है " हम कल पक्का सारा दिन साथ रहेगे पर आज मेरा जाना बहुत जरूरी है, मैने आज की meeting के लिए बहुत दिनो तक इंतजार किआ है और अगर आज मै इस opportunity को जाने देता हूँ तो फिर पता नही मुझे ये मौका दोबारा मिलेगा या नही"
श्लोक शब्द की बात मान लेता है और कहता है "ok चलो ठीक है आज तुम अपना काम करलो लेकिन कल मै कोई बात नही सुनुगा और हा कल मै तुम्हे मुम्बई घुमाने ले चलूगा।"
श्लोक की ये बात सुनकर शब्द हसा और बोला " तुम घुमाओगे?? तुम्हे अपने college के अलावा कुछ पता भी है यहा।" शब्द को हंसता देख श्लोक बोला " तुम्हे घुमा दू इतना तो पता ही है और घूमना तो बस एक बहाना है मुझे तो तुम्हारे साथ time spend करना है।and why the way तुम हंसते हुए ज्यादा अच्छे लगते हो तो हंसा करो।" ये कहते हुए शब्द श्लोक की आँखो मे खुद के लिए प्यार महसूस कर सकता है और वो उसे kiss करता है और कहता है " चलो अब यहा से मुझे ready भी होना है।"
Next day morning : 10/06/2018 : 08:00 AM :-
शब्द के flat की door bell बजती है। शब्द तो अभी तक सो कर भी नही उठा था, उसकी तो आँख ही door bell की आवाज से खुली थी और अपनी आँख मलते हुए उसने दरवाजा खोला "तुम!!! इतनी सबह सुबह?"
सामने श्लोक खङा था शब्द को एसे देख रहा था मानो बहुत ज्यादा गुस्सा हो "not again!!! तुम फिर से अपनी खयालो की दुनिया मे सो रहे थे क्या? भूल गए क्या हमे आज घूमने जाना था and please open the door first let me in."
"Oh i am sorry. Please come in" कहते हुए शब्द दरवाजा खोलता है और श्लोक अंदर आता है और शब्द का प्यारा सा चेहरा देख उसका सारा गुस्सा उङन छू हो जाता है और वो आगे बङ कर शब्द को kiss करता है। शब्द श्लोक को अपने से अलग करता है और कहता है "अरे ! अरे ! मैने तो अभी तक brush भी नही किआ। बस मुझे 5 मिनट दो मै ready हो कर आता हूँ।"
Same day evening : 10/06/2018 : 06:15 PM :-
सारा दिन घूम फिर कर और एक दूसरे के Family, friends और बचपन से लेकर अब तक के मजेदार और दिलचस्प किस्से सुनकर दोनो थक जाते है और मरीन ड्राइव पर आकर रुक जाते है। sunset देखने के लिए दोनो वही बैठ जाते है। तभी श्लोक पूछता है " ये सब तो ठीक है लेकिन मुम्बई आने के बाद तुमने कभी अपने पापा से बात क्यो नही की।" इस पर शब्द कहता है "पापा कभी भी मेरे इस फैसले से खुश नही थे और मैने तो कई बार कोशिश की पापा से बात करने की लेकिन वो कभी फोन पर आए ही नही।"
श्लोक शब्द की उदासी समझ जाता है और माहोल को थोङा हल्का करने के लिए कहता है "चलो कोई बात नही माँ से तो बात होती ही है ना और पापा भी कब तक नाराज रहेगे। आज नही तो कल वो भी मान जाऐगे। और अपने इकलौते बेटे से कोन ज्यादा देर तक नाराज रह सकता है और जब बेटा इतना प्यारा हो तो।" ये कहते हुए श्लोक ने शब्द के दोनो गाल खीच दिए। श्लोक ने फिर शब्द से पूछा " चलो ये बात जाने दो, कल की तुम्हारी meeting का क्या हुआ।" श्लोक की ये बात सुन कर तो शब्द और भी मायूस हो गया और बोला "कुछ नही फिर से rejection!" शब्द को मायूस देख श्लोक ने उसका होसला बङाने के लिए कहा "कोई बात नही आगे और भी मोके मिलेगे। and anyways मै सुबह से तुम्हारा music , music सुन रहा हूँ लेकिन तुमने अभी तक मुझे कुछ सुनाया नही है।"
"Hmmmmm... जरूर सुनाउगा" यह कहते हुए शब्द की आँखे नम हो गई।
"Hey ! Hey ! Hey ! What happen? मैने कुछ गलत कह दिआ क्या?" शब्द की आँखो की नमी को भांपते हुए श्लोक ने उसका हाथ पकङ कर पूछा।
"नही आज इतने दिनो के बाद किसी ने मुझे मेरा गाना सुन ने के लिए बोला तो अच्छा लगा।" यह कहते हुए शब्द थोङा मुस्कुरा दिआ।
"Aaawww my cutie. और देखना मुझे पूरा विश्वास है कि एक दिन ये पूरा मुम्बई, ये पूरा देश और ये पूरी दुनिया तुम्हारी आवाज और तुम्हारा गाना सुनेगी।" शब्द को होसला देते हुए श्लोक ने कहा और शब्द को गले लगा लिआ। शब्द ने भी श्लोक को थोङी कसकर अपनी बाहो मे जकङ लिआ। मानो वो ये जता रहा हो कि श्लोक के अलावा यहा सब झूठ और फरेब है। श्लोक ने शब्द को गले लगाए हुए ही फिर से पूछा "लेकिन मै अभी तक समझ नही पा रहा हू कि एसा क्या हो गया जो तुम इतने उदास और खोए खोए रेहते हो। rejections भी तो success का हिस्सा है। आज reject हुए हो तो कल select भी हो जाओगे। और रही बात माँ पापा की तो वो भी एक ना एक दिन मान जाएगे और...."
श्लोक की बात को बीच मे ही काटते हुए शब्द खुद को श्लोक की बाहो से दूर करता हुआ बोला "जाने दो हम फिर कभी बात करेगे इस बारे मे। मै तुम्हारा आज का दिन खराब नही करना चाहता।"
श्लोक भी कहा मानने वाला था। छोटे बच्चो की तरह जिद करते हुए बोला "नही मुझे तो आज ही जानना है कि एसा क्या हुआ है जो तुम एक अलग ही दुनिया मे खोए रेहते हो और तुम भूल रहे हो शायद हम एक दूसरे को समझने, एक दूसरे के बारे मे जानने ही तो बाहर आए थे। तो मुझे तो आज ही बात करनी है इस बारे मे।"
"Ok! बताता हूँ! मै केवल singing ही नही करता मै अपने गाने लिखता भी हूँ। मुझे लिखना उतना ही पसंद है जितना गाना गाना। मै जब मुम्बई आया तो जैसा मैने बताया, माँ और पापा बिल्कुल भी मेरे इस फैसले के साथ नही थे लेकिन मै फिर भी उनसे लङ झगङ के यहा आ गया। क्योकी मुझे खुद पर भरोसा था की मै अपने सपने सच कर सकता हूँ और एक बार मै सही साबित हो गया तो माँ पापा भी मुझे समझ जाऐगे और मुझे माफ कर देगे। लेकिन पापा सही कहते थे कि बाहर दुनिया मे बहुत खराब लोग बैठे है जो सिफॆ इसी इंतजार मे है कि कब हम उनके चंगुल मे फसे और वो हमारा फायदा उठा सके। एसा ही मेरे साथ हुआ। मै एक music director से मिला। 2 महीने के बाद मुझे उसकी appointment मिली थी। जब मैने उसे अपने गाने सुनाए तो वो बहुत खुश हुआ। उसे मेरी writing and singing दोनो ही बेहद पसंद आई थी। उसने मुझसे वादा किआ की वो मुझसे मेरे सारे songs का copyright खरीदेगा और मुझे singing का मौका भी देगा। composition ready करने के लिए उसने मुझसे मेरी dairy जिसमे सारे songs लिखे हुए थे वही office मे छोङने को कहा। मै भी उस पर भरोसा कर वैसा ही किया जैसा उसने बोला। उसने मुझे 2 महीने बाद की date दी recording के लिए और मैने 2 महीने इंतजार भी किया उसके फोन का। लेकिन इसी बीच एक फिल्म आई जिसकी कहानी ज्यादा अच्छी नही थी लेकिन फिल्म के music ने उसमे जान डाल दी थी और वो फिल्म एक बहुत बङी hit साबित हुई सिफॆ उसके music की वजह से। अगर मै उस फिल्म का नाम तुम्हे बताउ तो तुम विश्वास नही करोगे की वो सारे गाने मेरे लिखे हुए है। मुझे ये सब जान कर एक धक्का लगा और बहुत गुस्सा भी आया उस director पर। मैने उस director से मिलने की बहुत कोशिश की लेकिन मै नही मिल पाया। और मेरे पास कोई रास्ता भी नही था खुद को साबित करने का। वो बहुत बङा आदमी है उसके आगे मेरी कौन सुनेगा।मै इस industry के लिए नया था मुझे ना इस industry के बारे मे कुछ मालूम था ना इसके तौर तरीके। मैने एक दिन गुस्से मे उस director के office मे तोङ फोङ कर दी इस उम्मीद से की शायद वो मुझे बस एक बार मिल सके , ताकी मै उससे पूछ सकू की उसने मेरे साथ एसा क्यो किया। लेकिन इसका उल्टा ही हुआ उस director ने मुझे इस industry से ही black list करवा दिया और मुझे बाहर का रास्ता दिखा दिआ। लैकिन मैने फिर भी हार नही मानी और तब से आज तक मै सिफॆ music directors and music companies के चक्कर ही काट रहा हूँ और हर जगह से मुझे एक ही जवाब मिलता है। एक pvt company मे accountant की जोब भी इसी लिए कर रहा हूँ ताकी कुछ और समय यहा मुम्बई मे बिता सकू और अपने सपनों का जहां पा सकू" यह कह कर शब्द चुप हो जाता है और वहा एक दम शांती फैल जाती है। श्लोक को भी समझ नही आ रहा है कि वो शब्द को क्या बोले, क्या बोल कर शब्द का होसला बङाए। कुछ देर सोचने के बाद श्लोक बोलता है "मेरे पास एक idea है। मै आज ही dad से बात करता हूँ इस बारे मे। वो मुम्बई मे काफी लोगो को जानते है, शायद वो हमारी कोई help कर पाए।"
श्लोक की यह बात सुन शब्द थोङी ऊँची आवाज मे बोलता है "नही मै किसी की help नही लेना चाहता, मुम्बई आना भी मेरा फैसला था और उस music director के पास जाना भी, तो अब जो भी concequencess है उनका सामना भी मुझे ही करना होगा। मै इस मामले मे किसी की help नही लेना चाहता। मै अपने सपनों का जहां किसी की दी हुई भीख पर नही बसाना चाहता। i am realy sorry! मै तुम्हारी बहुत respect करता हूँ लेकिन मै ये बात नही मान सकता।"
शब्द की हताशा को समझते हुए श्लोक बोलता है "Ok! Ok! Big no to dady! लेकिन हम कुछ और तो कर ही सकते है ना"
"कुछ और मतलब" श्लोक की तरफ देखते हुए शब्द कहता है।
"मैने TV पर देखा है Indian idol के audition शुरू हो गए है। So why dont you try this way to enter in this industry? यहा ना तो तुम्हे किसी की help की जरूरत पङेगी और ना कोई music director तुम्हे यहा रोक सकता है।"
शब्द श्लोक की बात सुन कर चुप हो जाता है। उसे समझ नही आता की क्या वो ये कर सकता है। एक बंद कमरे मे गाने लिखना और music directors के सामने गाना एक अलग बात है और इस तरह TV पर लाखो लोगो के सामने गाना अलग।तभी श्लोक बोलता है "अब इतना भी मत सोचो इस बारे मे। ये एक public platform है यहा से आगे तुम सिफॆ अपने tallent के सहारे ही बङ सकते हो। एक बात हमेशा याद रखना, कोई तुम्हारे हाथ से छीन सकता है लेकिन तुम्हारी किस्मत से नही।"
"माँ! माँ भी यही कहा करती थी।" शब्द एक दम स्तब्ध हो कर कहता है।
"हा तो उठो फिर, यहा क्या बैठे हो Mr. बहुत सारी तैयारी करनी है।" श्लोक खङे होकर शब्द का हाथ पकङ कर उसे उठाते हुए कहता है। "उठो मेरे next Idian idol। मै सारी details पता करता हूँ और तुम जम कर practice करो। अब तुम्हे तुम्हारा सपनों का जहां पाने से कोई नही रोक सकता।"
"हाँ लेकिन उससे पेहले मै तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ जो मै आज सुबह से कहना चाह रहा हूँ लेकिन नही कह पाया था। I LOVE YOU SHLOK" झिझकते हुए आखिर शब्द ने अपने प्यार का इजहार कर ही दिआ था।
"I LOVE YOU TOO my next Indian idol." ये बोल कर श्लोक ने शब्द को kiss किआ। "lets go now मुझे बहुत सारी तैयारियाँ करनी है, तुम्हारी costume, तुम्हारी hair style ohh my god i am so much excited now."
Present day :14/07/2018 :-
आज मुम्बई मे Indian Idol का audition है और शब्द अपनी performance के लिए अंदर judges के सामने है और श्लोक बाहर हाथ जोङे भगवान को प्राथना कर रहा है। वो लङका जिसने केवल त्योहारो के दिन ही भगवान को याद किआ हो वो आज बिना किसी त्योहार के भगवान को याद कर रहा था। आखिर क्यो ना हो आज उसके प्यार के सपनों के जहां की ओर एक नई शुरूआत जो होने जा रही थी।
मुझे और श्लोक दोनो को पूरा यकीन है कि शब्द ये audition को जरूर पास कर लेगा और Indian idol भी बन जाएगा और शब्द अपने सपनों का जहां भी पा लेगा श्लोक के साथ।
लेकिन आगे क्या होगा शब्द और श्लोक के रिश्ते का। शब्द एक सफल गायक और संगीतकार बन भी जाए और उसके माँ पापा सारे गिले शिकवे भुला कर उसे अपना भी ले। लेकिन क्या शब्द और श्लोक के माता पिता अपने दोनो बच्चो का ये रिश्ता अपना पाएगे? शायद कुछ बाते समय पर ही छोङ देनी चाहिए।आगे क्या होगा वो तो वक्त ही तय करेगा लेकिन अभी इस बात खुशी है कि शब्द को श्लोक का साथ मिल गया। और बिना श्लोक के साथ के शब्द शायद अपने सपनों के जहां के इतने नजदीक ना पहुँच पाता।
*****
Indian Idol अभी आ रहा है TV पर आप भी देखिए शायद आपकी मुलाकात भी हमारे शब्द से हो जाए।
Lots of Love
Yuvraaj ❤
Aage ka kb pta chalega
ReplyDeletePata nhi dear... ye kahani to sirf shabd ki pareshanio or uski love life ki thi... ab aage kya hua kya nhi ye to shab or shlok hi jane
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