Monday, July 2, 2018

सपनों का जहां part - VI

Next day morning - 08/06/2018 :-

      रात भर ना सो पाने के कारण शब्द की आँखे लाल थी और झुकी हुई थी। शब्द भागता हुआ lift का button दबाता है, और जो वो नही चाहता वही होता है। श्लोक भी वही आ जाता है अपना college bag लिए। श्लोक शब्द की ओर देखता है और बोलने की कोशिश ही करता है कि lift आ जाती है और दोनो lift के अंदर आ जाते है। lift मे श्लोक बोलता है "hey listel dude! Its normal, so please dont think so much about it". शब्द की आँखे देख कर श्लोक समझ जाता है कि शब्द रात भर सोया नही है। इतने मे ground floor आ जाता है और शब्द बिना कुछ बोले अपने रास्ते चला जाता है। फिर श्लोक भी अपने college को चल देता है।

      College मे श्लोक का बिल्कुल भी मन नही लगता वो पूरे समय शब्द के बारे मे ही सोचता रेहता है। शाम को फिर से दोनो की मुलाकात lift मे होती है। लेकिन और भी लोगो के कारण श्लोक शब्द से कोई बात नही कर पाता। वही शब्द आँखो मे नींद लिए हुए, थका हुआ और हमेशा की तरह अपने खयालो मे खोया हुआ श्लोक की तरफ ध्यान भी नही देता।

Same day night - 9:30 PM :-

      छत पर लेटा हुआ तारों को देखता हुआ शब्द कुछ सोच मे डूबा हुआ है। पहले तो बस माँ पापा और अपने music के खयालो मे डूबा रेहता था लेकिन अब तो श्लोक भी उसके खयालो का हिस्सा था। इतने मे श्लोक सिगरेट जलाए हुए शब्द के पास आता है और वही उसके पास बैठ जाता है
               "मुझे पता था तुम यही होगे ।"

        शब्द अपनी आँखे बंद कर के ही बोलता है।
               "Please go from here and leave me alone."

                "तूम्हारी problem क्या है हाँ! क्यों तुम बस एक ही बात के बारे मे सोचे जा रहे हो। और ये किस दुनिया मे खोए रेहते हो तुम। look at yourself क्या हाल बना लिया है तुमने अपना।" सिगरेट फेंक कर थोङी ऊँची आवाज़ मे श्लोक ने बोला।

        श्लोक का चिल्लाना सुन शब्द उठ के बैठ गया और उसी लेहजे मे श्लोक से बोला "Its my life, non of your buisness. So stay away from me."

         "मुझे भी कोई शौक नही है तुम्हारी life मे घुसने का लेकिन पता नही क्यों जबसे मेने तुम्हे देखा है मै खुद को रोक ही नही पा रहा हूँ और तुम्हारी तरफ attract होता जा रहा हूँ।" ये कहते हुए श्लोक की आवाज़ धीमी पङ गई। और एक बार फिर से सन्नाटा छा गया और दोनो के बीच फिर से ना टूटने वाले eye contact बन गया। और इस बार श्लोक आगे भङा और शब्द को kiss करने के लिए उसकी ओर झुकने लगा। शब्द eye contact तोङ पीछे हटा और वहाँ से उठ के जाने लगा।

          "Please accept yourself" श्लोक ने वही बैठे हुए कहा। और शब्द रुक गया और पलट कर बोला "What???"


       श्लोक भी उठा और शब्द की आँखों मे देख कर बोला "accept yourself! Accept what you are! Who you are! शायद तुम्हारा stress कम हो जाऐ।"


       "What do you mean?? I know about myself." इतना कह कर शब्द ने कुछ कदम श्लोक की ओर बङाए।

       "No you dont! या तो तुम कुछ नही जानते या जान कर भी जानना नही चाहते" श्लोक भी शब्द की ओर बङा।


        और एक बार फिर दोनो का eye contact हो जाता है लेकिन इस बार कुछ अलग एहसास है दोनो की आँखों में। और दोनो आगे बङ कर फिर एक दूसरे को kiss करने लगते हैं। लेकिन ये kiss पहले वाले kiss से अलग है कुछ खास है।


Next day early morning - 09/06/2018 - 3:00 AM :-

      "मुझे तुमसे एक बात कहनी है, actually मै तुम्हे कई दिनो से follow कर रहा हूँ। infact जिस दिन मै मुम्बई आया था तुम मुझे उसी दिन lift मे दिखे थे और तब से ही मै एक अजीब सा खिचाव मेहसूस कर रहा हूँ। और उस दिन भी किसी gaurd ने मुझे वो letters नही दिए थे। वो तो मुझे कोई और बहाना नही मिल रहा था तुमसे बात करने का।" वही छत पर बैठे हुए शब्द के कंधे पे सर रखे हुए श्लोक ने शब्द से कहा। और फिर सर उठा कर के थोङे से गुस्से मे बोला " बहुत ही अच्छी मुलाकात थी ना वो।"

         "I am realy sorry! मुझे कुछ भी याद नही है। even मुझे भी तुम्हारे लिए एक अलग सी feeling तब से होने लगी थी जब मे पहली बार तुमसे उस restorent मे मिला था।" शब्द ने श्लोक की ओर देखते हुए कहा।

          "पहली बार????? Hello और उस से पहले???? तुम्हे कुछ याद भी नही??" श्लोक अपना सर पकङ कर वही लेट गया।

          "उस से पहले का तो मुझे कुछ भी याद नही, लेकिन जबसे मै तुमसे टकराया हूँ मुझे बार बार तुम्हारे ही खयाल आते रेहते हैं, पता नही मुझे क्या हो गया है मैने एसा पहले कभी भी किसी के लिए नही feel किया। क्या मै normal तो हूँ।" ये कह कर शब्द भी श्लोक के पास लेट गया।

       "Normal!!!" श्लोक ने शब्द का हाथ पकङा और कहा "yes my dear shabd you are absolutely normal and most charming human being. ये तो बस एक एहसास है प्यार का एहसास जो किसी को भी किसी के लिए भी हो सकता है। इसमे cast, religon or gender कोई मायने नही रखते। ये तो बस लोगो मे हिम्मत नही होती की वो अपनी feelings किसी को बता पाए और अंदर ही अपनी feelings छुपाए रेहते हैं। और वो तो मै था साहब जो तुमसे तुम्हारी feelings को मिलवा दिआ वरना तुम भी अपनी feelings अपने अंदर ही छुपाए रेहते।" ये कहकर श्लोक ने शब्द के सीने पर अपना सर रख दिआ।और फिर शब्द की ओर देखते हुए बोला "एक बात बोलू"

    "हाँ बोलो ना" शब्द श्लोक के बालो को सेहलाते हुए बोला।

"तुम kiss अच्छे से कर लेते हो।" श्लोक ने कहा और दोनो हँसने लगे और फिर दोनो kiss करने लगे।


Stay connected with Shabd and Shlok to know more about their life. It didnt clear yet, what happend with shabd?? Why he is so broken? What goes in his life? To know more please stay with us.


Lots of love 
Yuvraaj ❤

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