Wednesday, August 19, 2020

"RADIANCE" Final Part

 Hello friends,

                         Hope you like it's previous parts, if you still didn't read them, than read them first than you will get easily be connected with this final part.



        अगली सुबह जब रोहित की आँख खुलती है, तो अविनाश के साथ बिताई, हसीन रात की यादों से उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान छा जाती है। रोहित जब करवट बदलता है, और अविनाश को अपने पास नहीं पाता। तो वह अविनाश को यहां वहां देखने लगता है। और अविनाश उसे मिलता है, balcony में। रोहित पीछे से अविनाश को अपनी बाहों में भर लेता है।


रोहित :- (अविनाश कस कर hug करते हुए) "Good morning! बड़ी जल्दी उठ गए, अभी तो 6 भी नही बजे?"

अविनाश :- (पलटकर रोहित को अपने गले से लगाते हुए) "Very good morning, रोहित!! मुझे तुमसे कुछ कहना है। मुझे नही पता, की तुम्हे ये सब जान कर कैसा लगेगा। लेकिन......"

रोहित :- (अविनाश को बीच मे ही टोकते हुए) "I know!! मैं समझ सकता हूँ। मैं भी तुमसे इस बारे में बात करना चाहता था, लेकिन अच्छा है, कि तुम भी इस बात को समझते हो। हमें अपने relationship को सभी से छुपा कर रखना होगा। एक तो वैसे भी कोई और हमारे रिश्ते को समझेगा भी नहीं, और तुम मेरे training officer भी हो, तो सभी को यही लगेगा कि, मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूं। तो मैं समझ गया, कुछ कहने की जरूरत नहीं है। चलो अब तुम जाओ। Do your daily work!! हम cab में मिलते हैं। अरे! अरे! लेकिन एक selfie तो बनती है।


           रोहित जल्दी से अपना mobile लाता है, और उगते सूरज के साथ, अविनाश को गले लगाकर selfie लेने लगता है। अविनाश फिर balcony से निकलकर, kitchen में आता है। और रोहित के लिए चाय बनाता है। और उधर रोहित कई सारी अपनी और सेल्फी लेता है। और कुछ photos, whatsapp पर उसी group में upload कर देता है, जिसमें रोहन भी add होता है, उसे जलाने के लिए।


अविनाश :- (kitchen से ही रोहित को आवाज़ लगते हुए) "रोहित, मैंने तुम्हारी चाय रख दी है, लेलो आकर। और में अपने flat में जा रहा हूँ, तुमसे cab में मिलता हूँ।"


       इतना कहकर अविनाश रोहित के flat से चला जाता है। कुछ समय बाद दोनों तैयार होकर, साथ में office आ जाते हैं। और रोहित के कहे अनुसार, office में दोनों एक दूसरे से दूर दूर ही रहते हैं। training के दौरान भी, दोनों एक दूसरे से बात नहीं करते हैं। लेकिन जब भी दोनों की नजरें एक दूसरे से टकराती हैं, तो दोनों की आंखों की चमक, एक दूसरे से ढेरों बातें करने लगती है। शाम को office के बाद, दोनों साथ में घर लौट आते हैं। और lift में, सारी नजरों से दूर, दोनों एक-दूसरे को बाहों में भर लेते हैं। एक दूसरे को kiss करते हैं। लेकिन जैसे ही lift 21वें floor पर पहुंचती है। तो अविनाश खुद को रोहित से अलग करता है, और उसकी आंखों में वही खून दौड़ आता है, जो कल रात रोहित के हाथ में चाकू लगने पर आया था। रोहित वहां खड़ा बस, अविनाश के चेहरे के बदलते भावों को ही देखता है। इतने में lift का दरवाजा खुलता है, और अविनाश दौड़कर lift से बाहर आता है। और रोहित के flat के बाहर खड़े, एक लड़के को गले से दबोच लेता है। रोहित भी अविनाश के पीछे पीछे भागता हुआ आता है, और अविनाश का हाथ खींच कर उस लड़के को अविनाश की गिरफ्त से छुड़ाने का प्रयास करता है। लेकिन रोहित अविनाश को उसकी जगह से हिला भी नहीं पाता है। थोड़ी ही देर में, वह लड़का जिसे अविनाश ने पकड़ा होता है, वह अविनाश को जोर से धक्का देकर खुद को, अविनाश की गिरफ्त से छुड़ाने में सफल हो जाता है।


रोहित :- (अविनाश और उस लड़के के बीच मे आकर, अविनाश को देखते हुए) "क्या हो गया है तुम्हे? क्यों मार रहे हो इसे?? मैं जानता हूँ इसे!!!"

अविनाश :- (आश्चर्य से रोहित की ओर देखते हुए) "तुम इसे नही जान सकते। तुम्हारा यहां रहना बिल्कुल भी safe नही है। तुम अंदर जाओ अभी के अभी।"

रोहित :- (अविनाश को उस लड़के की ओर बढ़ने से रोकते हुए) "मैं बिल्कुल safe हूँ यहाँ, कुछ नही होगा मुझे। मैं जानता हूँ इसे, ये रोहन है। मेरा ex-boyfriend!!"

अविनाश :- (आश्चर्य और गुस्से में) "Boyfriend!!!! ये किसी का भी boyfriend नही हो सकता। ये एक....."


       अविनाश अपनी बात कहते हुए, बीच मे खुद ही रुक जाता है।


रोहन :- "हाँ! हाँ! बोलो! रुक क्यों गए? मैं नही हो सकता किसी का boyfriend? तो क्या तुम हो सकते हो??"

रोहित :- (दोनों को शांत कराते हुए) "चुप हो जाओ दोनों। मुझे तो समझ नही आ रहा कि तुम लोग लड़ क्यों रहे हो? तुम दोनों जानते हो एक दूसरे को??"

रोहन :- (रोहित की तरफ बढ़ते हुए) "मुझे तुमसे एक जरूरी बात करनी है।"

अविनाश :- (रोहित को पीछे खीचते हुए, गुस्से में) "इसे तुमसे कोई बात नही करनी। मैं यहाँ कोई तमाशा नही चाहता हूँ। इसलिए जहाँ से आये हो, वहीं वापस लौट जाओ। यही अच्छा होगा तुम्हारे लिए।"

रोहन :- (अविनाश की तरफ बढ़ते हुए, गुस्से से उसकी आँखों मे देखते हुए) "मैं भी देखता हूँ, कौन रोकता है मुझे रोहित से बात करने से।"

रोहित :- (फिर से दोनों के बीच आते हुए) "फिर से शुरू मत करो यार please! और रोहन तुम्हें अब क्या बात करनी है मुझसे?? इन 8 महीनों में तो कभी मेरी याद नहीं आई तुम्हें?? तो अब कौन सी बात तुम्हें यहां खींच लाई??"

रोहन :- "मैं तुम्हें सब बताऊंगा। क्या हम अंदर चल सकते हैं? मैं अकेले में तुमसे कुछ बात करना चाहता हूं। जो यहां तो बिल्कुल नहीं हो सकती। (यह बात रोहन ने अविनाश की तरफ देखते हुए बोली)"

अविनाश :- (मजाकिया हँसी हंसते हुए) "Ohhhh! Dogy को भी डर लगता है।"

रोहन :- (खिसिया कर) "डर किससे? ठन्डे शरीर वाले से??"

रोहित :- "यार तुम दोनों बच्चों की तरह लड़ना बंद करो पहले। (अविनाश की तरफ मुड़ते हुए) तुम please अपने flat में जाओ। मैं इससे बात करता हूं।"

अविनाश :- (रोहित की बाहों को जोर से पकड़ते हुए) "नहीं!!! मैं तुम्हे इसके साथ, वो भी अकेले, कहीं नही जाने दूंगा। तुम नही जानते इसके बारे में। ये एक बहुत खतरनाक....."

रोहित :- (अविनाश को बीच मे ही रोकते हुए, और अपने हाँथो के ऊपर से अविनाश के हाथों को हटाने की कोशिश करते हुए) "तुम मुझे दर्द पहुंचा रहे हो अविनाश!!!"

रोहन :- (रोहित को अविनाश के हाँथो से छुड़ाते हुए) "ये तुम्हे दर्द के अलावा कुछ दे भी नही सकता।"


       रोहन की यह बात सुनकर अविनाश अपना आपा खो देता है, और एक जोरदार punch रोहन के मुंह पर मारता है। और रोहन जमीन पर गिर जाता है। रोहित अविनाश को पीछे रहने का बोलकर, रोहन को उसका हाथ पकड़कर उठाता है। और रोहन के चेहरे को देखता है, तो अविनाश के punch की वजह से, रोहन का होंठ cut जाता है, और रोहन के मुंह से थोड़ा सा खून भी निकल रहा होता है। रोहन रोहित के सहारे से जमीन से उठता है, और रोहित को कहता है।


रोहन :- "मेरा तुमसे बात करना बहुत जरूरी है। अभी तो यह सिर्फ मुझे चोट पहुंचा रहा है। कल को तुम्हें भी पहुंचाएगा।"

रोहित :- "ऐसा कुछ नही होगा। मुझे तो यह समझ नहीं आ रहा है, कि तुम यहां आए ही क्यों हो??"

रोहन :- (रोहित के कंधों पर हाथ रखते हुए) "मुझे तुमसे बस कुछ बात करनी है। फिर मैं यहां से हमेशा के लिए चला जाऊंगा।"

अविनाश :- (रोहन के हाथों को रोहित के कंधों से झटकते हुए) "इसे तुमसे कोई बात नहीं करनी। एक बार में समझ नहीं आता क्या?? फिर से समझाऊं?"

रोहित :- (अविनाश को चुप कराते हुए) "बस करो यार!! तुम please जाओ, मैं इससे बात करके आता हूं।"

अविनाश :- "मैंने बोला ना, मैं इसके साथ तुम्हे अकेले कही नही जाने दे सकता।"

रोहित :- "Ok!! तो कम से कम अंदर तो चल सकते हैं। यहां बाहर ही तमाशा करने की कोई जरूरत नहीं है।"


        तीनों रोहित के flat के अंदर आ जाते हैं। रोहित first aid box ला कर रोहन के चेहरे को साफ करता है। रोहित और रोहन sofa पर बैठे होते हैं, और अविनाश सामने की दीवार के पास खड़ा, गुस्से से रोहन को घूरे जा रहा होता है।


रोहन :- (रोहित की आंखों में देखते हुए) "तुम्हें पता है, तुम्हें छोड़कर जाना बहुत मुश्किल था मेरे लिए। लेकिन फिर भी मैंने ऐसा किया,  क्योंकि मैं अपनी सच्चाई जानने के बाद तुम्हारे साथ नहीं रह सकता था।"

रोहित :- (मुस्कुराकर) "हां तुम नौकरी वाले, और मैं back वाला!! समझ सकता हूं! और सच कहूं अच्छा ही हुआ, कि तुम चले गए। वरना मैं अविनाश से शायद ना मिल पाता......"

रोहन :- (रोहित को बीच में ही रोकते हुए) "नहीं बात यह नहीं है!! मेरी सच्चाई बहुत अलग है! बहुत डरावनी है! मैं एक.... मैं एक...... मैं तुम्हारे लायक नहीं था। तुम्हें चोट नहीं पहुंचाना चाहता था। इसलिए तुम्हारी life से चला गया था। और ना ही तुम्हें इसके साथ रहना चाहिए। (अविनाश की और गुस्से से देखते हुए) अगर मैं आज तुम्हारी और रोहित की फोटो नहीं देखता, तो तुम तो रोहित की जिंदगी खत्म ही कर देते?!!!"

रोहित :- "क्या बोले जा रहे हो?? अपनी बराबरी अविनाश से करने की कोई जरूरत नहीं है। वह तुम्हारे जैसा बिल्कुल नहीं है। मेरी बहुत care करता है, और मुझसे बहुत प्यार भी करता है। तुम्हारी तरह मुझे धोखा भी नहीं देगा। तो तुम्हारी बात खत्म हो गई हो, तो अब तुम जा सकते हो।"

रोहन :- (अविनाश की तरफ देखते हुए, रोहित से) "धोखा तो ये दे रहा है तुम्हें, अपनी सच्चाई तुम से छिपाकर। (रोहित की ओर देखकर) मैं तुम्हें सब सच बताता हूं। मैं एक wolf हूं। जब मुझे पता चला तो...."

रोहित :- (रोहन को बीच में टोक कर हंसते हुए) "क्या??? कोई और अच्छा बहाना नहीं मिला तुम्हें?? WOLF!!!"

रोहन :- "यही सच है रोहित!!! मैं एक नर भेड़िया हूं। मैं पूर्णमासी की रात पूरी तरह भेड़िए का रूप ले लेता हूं। जब मुझे यह सच्चाई का पता लगा, तो मैं तुम्हें अपने साथ नहीं रख सकता था। मेरा तुम्हारे साथ होना ही, तुम्हारी जान के लिए खतरा हो सकता है। और मैं कभी भी तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता था। इसलिए तुम्हारा दिल तोड़कर तुमसे दूर जाना ही, बस एक रास्ता था मेरे पास। अगर मैं यह सब तुम्हें तब बताता, तो तुम शायद मुझ पर कभी यकीन ही नहीं करते। इसलिए मैं बिना कुछ बोले, तुमसे दूर चला गया। वह तो जब आज दोपहर में मैंने तुम्हारी एक photo में, इसे तुम्हारे साथ देखा। तो मुझे यहां तुम्हारे सामने आना पड़ा, तुम्हें बचाने के लिए। क्योंकि इसने भी अपना सच तुमसे छुपाया है। इसका भी तुम्हारे आसपास होना, तुम्हारी मौत है।"

रोहित :- "क्या बकवास करे जा रहे हो?? मैंने इस तरह की कई फ़िल्मे देखी हैं। यह सब कहानियां फिल्मों में ही अच्छी लगती हैं, असल जिंदगी में ऐसा कुछ नहीं होता।"

अविनाश :- "रोहन सच कह रहा है।"

रोहित :- "क्या??"



        रोहन खड़ा होता है, रोहित अपनी पलकें भी नहीं झपका पाता, कि रोहन हवा की रफ्तार के साथ, तुरंत kitchen में पहुंच जाता है, और दूसरे ही पल उसी रफ्तार से वापस रोहित के पास आ जाता है। जिस sofa पर रोहित बैठा होता है, उस sofa को एक हाथ से ही, हवा में ऊपर उठा देता है।


रोहन :- (sofa और उस पर बैठे रोहित को हवा में उठाये हुए) "मैं सच कह रहा हूँ, यह सब सच है।"



        यह सब देखकर रोहित की तो आश्चर्य से आंखें फटी की फटी ही रह जाती है। और अब उसे अविनाश की हर वह बात, हर वह वाक्या, याद आने लगता है, जिसे वह अभी तक अविनाश की खूबी समझता था। उसका वह भारी वजन, बिना किसी परेशानी के उठा लेना। उसका हर काम बड़ी ही फुर्ती से कर लेना। उसकी आंखों का रंग बदलना। जिन सारी बातों को वह अभी तक मात्र कहानी समझ रहा था, वह अब हकीकत बन उसे हवा में उठाए हुए थी। रोहन उठाए हुए sofa को नीचे रखता है, और रोहित का हाथ पकड़ता है।



रोहन :- "मैं समझ सकता हूं, कि तुम्हारे लिए यह सब समझ पाना बहुत मुश्किल होगा। लेकिन यही सच्चाई है। जब मुझे अपने बारे में यह सब पता चला, तो मेरे दिमाग में सबसे पहला ख्याल तुम्हारा ही आया। मैंने एक बार को सोचा भी, कि मैं यह राज हमेशा के लिए तुम से छुपा लूंगा, फिर सोचा कि मैं अपनी सच्चाई तुम्हें बताकर ही तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी बिता लूंगा। लेकिन दोनों ही सूरतों में, मेरा तुम्हारे साथ होना, तुम्हारे लिए खतरा ही था। पूर्णमासी की रात जब मैं अपने असली रूप में आता हूं, तो मुझे कोई होश हवास नहीं होता। और मेरे सामने जो आता है, वह बस मौत का शिकार हो जाता है। इसलिए मैंने यही तय किया, कि मैं तुमसे दूर हो जाऊं। यही तुम्हारे लिए सबसे सुरक्षित रहेगा। लेकिन जब मैंने आज तुम्हारी photo इसके साथ देखी। मैं इसका चेहरा देख कर ही समझ गया, कि तुम तो और भी बड़ी मुसीबत को गले लगाए हुए हो। इसके लिए तुम बस एक शिकार हो। मैं यहां सिर्फ इसे तुम्हारी जिंदगी से बाहर करने ही आया हूं। और वह किए बिना मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगा, चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े। (यह कहते हुए रोहन ने अविनाश की तरह अपनी गुस्से से भरी आंखों से देखा)"



      अविनाश अभी भी, अपना सर झुकाए, रोहित के सामने वही दीवार के पास खड़ा हुआ था। रोहित sofa से उठा, और अविनाश के पास गया।"



रोहित :- "रोहन ये सब क्या कह रहा है??"

अविनाश :- (सर झुकाये हुए, दबी जुबान में) "सही कह रहा है।"

रोहित :- "तुमने यह सब मुझे क्यों नहीं बताया?? तुम मुझे मारना चाहते थे??"

अविनाश :- (रोहित की आंखों में देखते हुए) "नहीं कभी नहीं!!! मैं तुम्हें एक खरोच भी नहीं आने दूंगा। मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।"

रोहन :- (गुस्से से अविनाश की ओर आते हुए) "झूठ बोल रहा है ये। इसका काम ही यही है, बहला-फुसलाकर लड़के लड़कियों को मौत के घाट उतारा है ये।"

रोहित :- (रोहन को रोककर, अविनाश की ओर देखते हुए) "तुम्हें पता है, रोहन ही मेरा पहला प्यार था। हम लोगों के नाम मिलते जुलते थे, तो हमारे रोल नंबर आगे पीछे के ही थे। मुझे रोहन के लिए feelings मेरे engineering के first year से ही थी। लेकिन मैं अपनी sexuality को लेकर clear नहीं था। खुद को accept करने में, रोहन के प्यार को accept करने में, और रोहन के साथ एक relationship में आने के लिए, मैंने 3 साल का समय लिया। और जब रोहन मुझे छोड़ कर गया। तो मुझे नहीं लगा था, कि मुझे दोबारा प्यार होगा। लेकिन फिर तुम मिले। और तुमसे मिलकर, ना जाने मुझे क्यों ऐसा लगा, कि मैं तुम्हें पहले से जानता हूं। एक अलग तरह का खिंचाव महसूस करता था, मैं तुम्हारे लिए। और चंद दिनों की मुलाकात में ही, मैंने तुम्हें अपना सबकुछ मान कर, खुद को तुम्हें सौंप दिया। और तुमने इतनी बड़ी बात, अपने जीवन की सच्चाई ही मुझे बतानी जरूरी नहीं समझी।"

अविनाश :- "मैं तुम्हें बताना चाहता था। कल रात को भी बताना चाहता था, और आज सुबह भी बताना चाहता था। लेकिन मैं नहीं हिम्मत कर पाया तुम्हें कुछ भी बोलने की। लेकिन इसका मतलब ये नही, की मैं तुम्हे नुकसान पहुंचाना चाहता था।"

रोहन :- "बातें बना रहा है बस। यह कभी नहीं बताता तुम्हें। मैं अच्छे से समझता हूं, इन लोगों को। यह हैवान है। यह हमेशा के लिए तुम्हें अपने वश में करके रखता, और जब चाहे तब तुम्हारा इस्तेमाल करता अपनी भूख मिटाने के लिए।"

अविनाश :- (गुस्से से रोहन को घूरते हुए) "मैं ऐसा कुछ नहीं करना चाहता था, और ना ही कभी सोच सकता हूं ऐसा। मैं रोहित से प्यार करता हूं, आज से नहीं पिछले 100 सालों से।"

रोहित :- "क्या?? 100 सालों से???"

रोहन :- " इसकी एक भी बात पर भरोसा करने की जरूरत नहीं है। लोगों को बातों में फंसा कर, उनका खून पीना। यही तो इसके जीने का तरीका है।"

रोहित :- (रोहन की ओर देखकर) "तुम लोगों का खून पीते हो???"

रोहन :- "मैं नहीं ये!!! मैं तो बस एक रात के लिए जानवर बनता हूं।लेकिन इसका तो सारा जीवन ही हैवानियत का है। यह wolf नही है, यह एक पिशाच है, vempire!!!  यह अपनी महक से अपने शिकार को मदहोश करता है, फिर अपनी आंखों से hypnotize करके, उनको अपने वश में कर लेता है। फिर वह शिकार इसका गुलाम हो जाता है, यह जैसा कहता है, इसका शिकार वैसा ही करता है।"

रोहित :- (आश्चर्य से अविनाश की ओर देखते हुए) "मतलब वह perfume नहीं, मुझे अपने पास रखने का एक तरीका था। और वह तुम्हारी आंखों का रंग बदलना, वह मुझे अपने वश में करने के लिए था??"

अविनाश :- "हां यह सब सच है। मैं एक vempire हूं। मैं लोगों का खून भी पीता था, उन्हें अपनी महक से अपनी और आकर्षित कर, अपनी आंखों से अपने वश में कर लेता था। लेकिन जबसे मैं तुमसे मिला हूं, मैंने अपनी भूख पर काबू पा लिया है। मैंने पिछले 100 सालों से किसी भी इंसान की जान नहीं ली है, अपनी भूख मिटाने के लिए। ना ही मैंने किसी को अपने वश में किया है। और मेरी मेहक वह मुझ में से आती ही है, मैं उसे नहीं रोक सकता। और मैंने अपनी किसी भी शक्ति का उपयोग तुम्हें अपने पास रखने के लिए कभी भी नहीं किया, ना अभी और ना ही पहले और ना ही आगे कभी करूंगा। मैं सच में तुम्हें दिल से चाहता हूं, और कभी तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता, और ना ही किसी को पहुंचाने दूंगा। (यह बात अविनाश ने रोहन की ओर देखते हुए कही)"

रोहन :- (मुस्कुराकर) "अच्छी कहानी बना लेते हो। किस दिल से प्यार का नाटक कर रहे हो?? दिल तो तुम्हारा धड़का ही नहीं होगा, न जाने कितने सालों से!! और 100 सालों से किसी इंसान को नहीं मारा तुमने??? तो अब तक चल फिर कैसे पा रहे हो???? यह सारी कहानियां उन्हें सुनाना, जो तुम्हारे बारे में जानते ना हो!!!"

अविनाश :- (रोहित के हाथों को पकड़ते हुए) "मेरा विश्वास करो, मैं सच कह रहा हूं। मैं पिछले 100 सालों से जानवरों के खून पर जिंदा हूं, इंसानों के खून की तड़प पर मैंने काबू पा लिया है। जब से मैं तुमसे मिला हूं, मैंने अपने अंदर के पिशाच को कभी जागने नहीं दिया है।"

रोहन :- (अविनाश के हाथों को रोहित के हाथों से झटकते हुए) "हां! लेकिन वो पिशाच कभी भी जाग सकता है। तुम रोहित के लिए हमेशा एक खतरा ही रहोगे। तो अपने इस प्यार के नाटक को बंद करो, और निकल जाओ इसकी जिंदगी से। वरना तुम्हारे ये सदियों के जीवन को खत्म करने में मुझे चंद मिनट ही लगेंगे।"

अविनाश :- (गुस्से से रोहन की shirt की कॉलर पकड़कर) "मैं अभी चाहूं, तो तुम्हें यहीं खत्म करदू, और रोहित को वश में करके, उसके जहन से यह सारी यादें मिटा दूं। अगर मुझे रोहित को सिर्फ अपनी भूख मिटाने के लिए अपने पास रखना हो, तो मेरे पास कई तरीके हैं। लेकिन मैं रोहित से प्यार करता हूं, और उसकी हिफाजत करना ही मैंने अपना लक्ष्य बना लिया है। लेकिन अगर रोहित खुद मेरे साथ नहीं रहना चाहता, तो मैं फिर कभी उसे अपनी शक्ल भी नहीं दिखाऊंगा। तो यह अपनी धमकियां अपने पास ही रखो।"

रोहित :- (अविनाश को रोहन से दूर करके, रोहन की ओर देखकर) "रोहन तुम अभी जाओ यहां से। मैं ठीक हूं, और आगे भी safe रहूंगा। और मुझे कोई भी जरूरत होगी, तो मैं तुम्हें call कर दूंगा।"

रोहन :- (रोहित की ओर बढ़ते हुए) "नहीं रोहित!!! में इसके साथ तुम्हें ऐसे नहीं छोड़ सकता। तुम मेरे साथ चलो, कुछ दिन इंदौर रह लेना, या मेरे साथ बेंगलुरु चलो, वहीं job कर लेना।"

रोहित :-  "अगर तुम आज वो photo नहीं देखते, तो मैं अविनाश के साथ ही होता ना अभी!!!!  और अगर उसे मुझे नुकसान ही पहुंचाना होता, तो अब तक पहुंचा चुका होता। तब तुम क्या कर लेते?"

रोहन :- "लेकिन...."

रोहित :- (रोहन को बोलने से रोकते हुए) "कुछ लेकिन वेकिन नहीं। तुम मुझे इसीलिए छोड़ के गए ना, ताकि मैं तुमसे सुरक्षित रहूं। तुम मुझे चोट ना पहुंचा पाओ। अच्छी बात है, लेकिन ऐसा करने के बहुत से तरीके थे। यह जो सब तुम मुझे आज बता रहे हो, यह सब पहले भी बता सकते थे। लेकिन तुमने जो रास्ता चुना, वह तुम्हारे लिए सबसे आसान था। तो अब उस रास्ते से वापस आने की कोशिश भी मत करो। मैं सुरक्षित हूं, और अगर मुझे तुम्हारी help की जरूरत पड़ेगी, तो मैं तुम्हें call कर लूंगा।"

रोहन :- (अपना मन मार कर वहां से जाते हुए, अविनाश को गुस्से से देख कर) "अगर इसे कुछ हुआ तो, वह इस दुनिया में तेरा आखरी दिन होगा।"

रोहित :- (रोहन के जाने के बाद, अविनाश की तरफ मुड़कर) "अब तुम भी जाओ!! यह जो कुछ भी हुआ, यह समझने के लिए मुझे time चाहिए!!!! अकेले!!!!"



        अविनाश बिना कुछ बोले रोहित के flat से निकलकर, अपने flat में चला जाता है। रोहित भी अपना सर पकड़ hall के sofa पर बैठ जाता है, और जो कुछ भी अभी रोहित ने देखा, सुना, सब समझने की कोशिश करने लगता है। रोहित को अभी भी इन सब बातों पर विश्वास नहीं होता है। यह vempire, wolf की कहानियां उसने कई फिल्मों में देखी होती है। लेकिन उन सभी बातों का हकीकत बन उसके सामने इस तरह से आना, किसी बड़े सदमे से कम नहीं होता है। थोड़ी देर बाद रोहित sofa पर ही लेट कर, अपनी आंखें बंद कर, अविनाश के अभी तक के साथ के बारे में सोचने लगता है। यही सब सोचते हुए उसे नींद भी आ जाती है। और वह वहीं sofa पर ही सो जाता है।


       अगली सुबह जब रोहित की आंख खुलती है, तो वह अपने सिरहाने कुछ photos रखी हुई पाता है। उन photos को देख कर उसे कुछ समझ नहीं आता। वह photos काफी पुरानी, कुछ black and white और कुछ coloured होते हैं। लेकिन उन photos में दो शख्स बिल्कुल साफ साफ नजर आ रहे होते हैं। जिनमें एक तो अविनाश ही होता है, और कुछ photos में अविनाश के साथ रोहित भी होता है। और कुछ photos में अविनाश के साथ वाले शख्स की उम्र बढ़ती नजर आती है। लेकिन उन सभी बड़ी उम्र वाले व्यक्तियों में रोहित खुद की शक्ल देख सकता है। और photos के उन दोनों व्यक्तियों द्वारा पहने गए लिबासों से यह साफ झलकता है, कि यह सारी photos काफी पुराने समय की है। रोहित कल रात की सभी बातों को जितना सोचने समझने की कोशिश कर रहा होता है, यह सभी photos उसे उतना ही उलझा देती हैं। रोहित वे सभी photos लेकर अविनाश के flat के बाहर पहुंचता है। और अविनाश के flat का दरवाजा खटखटाने से पहले ही, अविनाश वह दरवाजा खोलकर, रोहित को अंदर आने के लिए बोलता है।


         रोहित अविनाश के flat में जब अंदर आता है, तो बड़े आश्चर्य से अविनाश के सारे घर को देखने लगता है। यह पहला अवसर था कि रोहित अविनाश के flat को अंदर से देख रहा था। अविनाश का flat पूरी तरह से खाली था। बस उसके bedroom में एक पलंग पड़ा हुआ था। जो कि बिल्कुल उस sofa की designe का था जो अविनाश ने रोहित के flat में रखवा दिया था। kitchen में बस एक fridge। और इन दो सामान के अलावा अविनाश के flat में कोई तीसरा सामान नहीं था। उसके bedroom के fixed furniture में कुछ कपड़े हो सकते थे। लेकिन उन अलमारियों के बंद दरवाजे से कुछ भी कह पाना मुश्किल था।


रोहित :- (बड़े आश्चर्य से) "तुम ऐसे रहते हो??"

अविनाश :- "हाँ!!! मुझे किसी चीज़ की जरूरत नही पड़ती!"

रोहित :- (kitchen की तरफ देखते हुए) "तो वो सब lunch, dinner की बातें भी झूठ थी?"

अविनाश :- "हाँ!! मैं तुम्हारी तरह lunch और dinner नही करता हूँ। मैं बस दिन में एक बार, रात के समय, ज़िंदा रहने के लिए खून पिता हूँ।"

रोहित :- "किसका??"

अविनाश :- "mostly जानवरों का, लेकिन मुझे हर महीने में कम से कम एक बार human blood पीना ही पड़ता है, वरना मेरी body ठीक से काम नही कर पायेगी।"

रोहित :- "मतलब, रोहन सही कह रहा था, तुम अपनी भूख को मिटाने के लिए, इंसानो को मारते हो??"

अविनाश :- "हां!!! रोहन की सारी बातें सच थी। लेकिन vempires के बारे में। मेरे बारे में नहीं। मैंने खुद को पूरी तरह control कर लिया है। मैं अपनी भूख के लिए किसी की जान नहीं लेता। मुझे जब भी human blood की जरूरत होती है, तो वह जरूरत blood bank से पूरी हो जाती है। हां, उसके लिए कभी-कभी मुझे कुछ लोगों को अपने वश में करना पड़ता है। लेकिन मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता।"

रोहित :- "और अगर तुम blood ना पीओ तो?? तुम उसे भी तो control कर सकते हो??"

अविनाश :- "ये मेरी body की requirement है, जैसे तुम्हारे लिए खाना और पानी। लेकिन तुम्हारे जाने के बाद मैंने यह भी try किया था। लेकिन बिना खून के कुछ हफ्तों में ही मेरे अंदर का शैतान बाहर आने लगा था। और अगर मैं अपनी ख़ुराक पर वापस नहीं आता, तो शायद मैं ना चाहते हुए भी किसी को नुकसान पहुंचा सकता था। और तुम्हारी दी कसम को मैं नहीं तोड़ना चाहता था। इसलिए यही रास्ता सबसे सही था।"

रोहित :- "क्या???? मेरी कसम!!! मेरे जाने के बाद!!! कल भी ये सब बोल रहे थे। कि मुझे 100 सालों से जानते हो!! और आज यह photos!!! यह सब मेरी समझ के बाहर है।"

अविनाश :- (रोहित को अपने साथ bedroom में चलने का इशारा करते हुए) "अंदर चल कर बैठो, मैं सब समझाता हूं। (रोहित को कमरे में पड़े bed पर बैठने का इशारा करते हुए) मैं तुम्हें पहले से जानता हूं। यह तुम्हारा दूसरा जन्म है। मुझे पता है तुम्हें यह सब बातें कहानियां लग रही होंगी, और तुम्हें मेरी बातों पर विश्वास करना भी मुश्किल होगा। लेकिन यही सच है।"

रोहित :- "Seriously!!! Wolf, vempire अब ऐसी कोई बात नही बची, जिसपर मैं विश्वास ना कर सकूं। (कुछ देर सोचने के बाद) तो मतलब मैं भी पहले vempire था??? और रोहन??? क्या उसे भी तुम पहले से जानते थे??"

अविनाश :- "नहीं तुम पहले भी इंसान ही थे। जब मैं तुमसे मिला, तब मैं ऐसा नहीं था। तब मैं इंसानों को सिर्फ अपना शिकार ही समझता था। मैंने तो तुम्हारा खून पीने के लिए, तुम्हें अपने वश में भी कर लिया था। लेकिन तुम्हारी आंखों ने मुझे आगे नहीं बढ़ने दिया। और बस तब से मैं तुम्हारे साथ हूं। और उस दिन से ही मैंने अपने अंदर के हैवान को हमेशा के लिए कैद करके रखा हुआ है। और रही बात रोहन की, तो मैंने कल ही उसे पहली बार देखा था। मुझे नहीं पता था कि मुंबई में कोई wolf भी है।"

रोहित :- "मतलब ये सारे photos में, मैं हूँ तुम्हारे साथ?"

अविनाश :- "हां! यह संजय है। जिसने मुझे खुद से मिलाया। मेरे इस जीवन को एक नई दिशा दी। मुझे प्यार करना सिखाया, मुझे फिर से जीना सिखाया, खुश रहना सिखाया। संजय मुझसे हमेशा कहता था, कि वह मुझे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। अगर इसके लिए उसे दोबारा भी जन्म लेना पड़े, तो भी वह हर बार एक नया जन्म लेकर मेरे पास वापस आ ही जाएगा। और फिर जब मैंने तुम्हें कुछ सालों पहले मुंबई में देखा, तो मुझे खुद की आंखों पर भरोसा ही नहीं हुआ। मैंने तुम्हारे बारे में सब पता किया। मैं इंदौर भी गया। और जब मुझे पता चला कि जिस दिन, जिस समय, संजय ने मेरी बाहों में अपनी आखिरी सांसें ली थी, ठीक उसी समय तुम्हारा भी जन्म हुआ था। तब मुझे यकीन हुआ, कि संजय ने अपना वादा निभाया, और रोहित बन मेरी जिंदगी में वापस आ गया है। लेकिन मैं फिर भी तुमसे दूर रहा, क्योंकि मैंने तुम्हारे बिना जीना सीख लिया था। और मैं बस अपनी खुशी के लिए, वापस अपनी अंधेरी दुनिया में तुम्हें नहीं लाना चाहता था। लेकिन जब भी मुझे तुम्हें देखने का मन होता था, तो मैं दूर से ही तुम्हें देख जाया करता था। और कुछ दिनों बाद तुम्हारा मन पड़ने से मुझे पता चला कि तुम किसी रोहन को पसंद करते हो। तो फिर मैंने तुमसे पूरी तरह से दूरी बना ली थी। लेकिन कुछ दिनों पहले जब मैंने तुम्हें अपने office में देखा, तो मेरा मन तो किया, कि तुम्हें गले लगाकर सब सच बताऊं। लेकिन मुझे यही पता था, कि तुम्हारी life में रोहन है। इसलिए मैं तुमसे फिर से दूर ही रहा। लेकिन जब तुम मेरे घर के बिल्कुल मेरे पास ही आ गए, तो मेरा सब्र धीरे-धीरे खत्म होता चला गया। और जब मैंने तुम्हें तुम्हारी diary लिखते सुना, तो मुझे पता चला कि, अब रोहन तुम्हारी life में नहीं है। और तुम भी मेरे लिए feelings रखते हो, पर कहने से डरते हो। तब मैं तुम्हें सब सच बताना चाहता था, लेकिन सही मौके का इंतजार कर रहा था। लेकिन यह मौका इस तरह आएगा, यह मैंने नहीं सोचा था।"

रोहित :- (अविनाश द्वारा कही गई सारी बातों को समझने की कोशिश करते हुए) "तुम्हें पता है Twilight मेरी favourite movie है और Vempires diaries मेरा favourite serial। लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था, कि यह सब real भी हो सकता है। और वह भी मेरे साथ हो सकता है। यह सब सुनना, समझना TV और  films में जितना आसान है, उतना ही real life में देखना मुश्किल है। वैसे तुमने कहा कि मेरे मन की feelings से तुम्हें रोहन के बारे में पता चला!! वह कैसे??"

अविनाश :- "Hmmmmm... vempire और wolf के सभी senses बहुत strong होते हैं। तुम्हारे दिमाग को पड़ सकते हैं, सिर्फ तुम्हे छू कर, तुम्हारे सारे past के बारे में जान सकते हैं। हम कई km तक, तुम्हारी खुशबू सूंघ सकते हैं। कई km दूर से ही, तुम्हारी साँसे, तुम्हारी धड़कन सुन सकते हैं। हम दोनों species कई तरह से मिलते जुलते होते है, लेकिन फिर भी हम दोनों एक दूसरे के जानी दुश्मन होते है। क्योंकि wolf जिनके अच्छे दोस्त बन सकते हैं, हमारे लिए वो लोग सिर्फ एक शिकार, हमारा भोजन होते हैं। यही wolf और vempires की दुश्मनी की इकलौती वजह है। vempires चंद्रमा उपासक होते है, और वुल्फ सूरज उपासक। vempires को चंद्रमा से सारी शक्तियां मिलती है, और सूरज में आते ही हमारी सारी शक्तियां कमजोर पड़ जाती है। इसीलिए तो दिन में मेरी आँखें अपना colour बदल लेती हैं, मैं दिन में किसी को अपने वश में भी नही कर सकता। और wolf पूर्णिमा की रात, चंद्रोदय होते ही, अपने असली रूप में आ जाते है, अपना पूरा होशोहवास खो कर, जानवर बन जाते है। उन्हें उनकी सारी शक्तियां सूरज से मिलती है।"

रोहित :- (बिस्तर से उठते हुए) "बस - बस आज के लिए इतना ही काफी है। इससे ज्यादा मैं यह सब सुनूंगा, तो मेरा सर ही फट जाएगा।"

अविनाश :- (रोहित के सामने खड़ा होकर) "तुम्हें यह सब जानकर मुझसे डर तो नहीं लग रहा?"

रोहित :- "नहीं!! लेकिन ये सब समझने के लिए मुझे थोड़ा समय चाहिए। चलो अब तुम ready हो, office नही जाओगे?"

अविनाश :- "हाँ!! चलेंगे। लेकिन तुम मेरी एक बात मानोगे?"

रोहित :- "क्या??"

अविनाश :- "ये bed तुम अपने flat में रख लो। ये तुम्हारा ही है, मतलब संजय का। मुझे अच्छा लगेगा अगर ये तुम्हारे पास होगा तो।"

रोहित :- "फिर तुम्हारे पास यहाँ रह ही क्या जाएगा?"

अविनाश :- "मैंने तो इसे बस संजय की यादों में संजोकर रखा था। अब मेरे पास तुम हो, तो यह bed भी तुम्हारे पास ही होना चाहिए, उस sofa की तरह।"



      कुछ समय के बाद, आखिरकार अपने दिल के हाथों मजबूर होकर, रोहित अविनाश को स्वीकार कर ही लेता है। और अविनाश के जीवन में भी, एक बार फिर, उसका प्यार संजय, रोहित के रूप में वापस आ जाता है। रोहन के लाख समझाने के बाद भी, रोहित अपने दिल की ही सुनता है। लेकिन रोहन भी रोहित से एक वादा लेकर इस रिश्ते के लिए हामी भरता है, "कि रोहित अपनी diary की तरह, रोहन को भी दिन में एक बार phone करेगा, और अपना हाल बताएगा, और अगर अविनाश की वजह से, रोहित को जरा सी भी तकलीफ आई, तो उससे बुरा कुछ और नहीं होगा।" अविनाश और रोहित दोनों रोहन कि इस बात को हंसते-हंसते मान लेते हैं, और अपने रिश्ते की एक नई शुरुआत सच्चाई के साथ करते हैं। उनकी ज़िंदगी, उनके प्यार की चमक से रोशन हो जाती है।



       यूं तो आपने vempires, wolf और इंसानो की अनेकों कहानियां पढ़ी, सुनी और देखी भी होंगी। और आपको बहुत पसंद भी आई होंगी। मुझे भी यह कहानियां बेहद पसंद है। इसलिए मैंने भी कोशिश की, कि मैं भी अपने पसंदीदा विषय को, अपनी कहानी में उतार सकूं। अब यूं तो इस विषय की कहानियों में ढेर सारे twist, suspense और thriller होते हैं, लेकिन मैंने अपनी इस कहानी में केवल उनके प्यार की चमक को ही दर्शाने की कोशिश की है। उम्मीद करता हूं, कि आप को भी मेरी यह कोशिश पसंद आएगी। और अगर कभी मन हुआ तो इसी विषय को, इन्हीं characters के साथ आगे बढ़ाने की कोशिश भी करूंगा। लेकिन अभी के लिए बस इतना ही।


***********************************************




Lots of love

Yuvraaj ❤️
















2 comments:

  1. What a lovely story ❤️❤️ even I also love the supernatural things and twilight saga is my favorite movie series ...

    ReplyDelete

Shadi.Com Part - III

Hello friends,                      If you directly landed on this page than I must tell you, please read it's first two parts, than you...