Thursday, June 7, 2018

सपनों का जहां part - I

Hello friends...
  I wrote this story in english but i feel i can convey my emotions in hindi well. So i write this story in hindi here in this blog. I wrote this story 3 years ago it comes in phrases it also had time flash backs so here i change the dates according to nowadays. Hope you all like my first creation.

Introduction of characters:-

06/06/2018

      नया दिन, नया रास्ता और नई शुरूआत, ये केवल शब्द नहीं हैं , ये शब्द उस इंसान के लिए सारा जहां हैं जिसने अपने सारे सपने, अपने सारे अरमान और अपनी सारी उम्मीदों को टूटते हुऐ देखा हो और बावजूद इसके अपने साहस और कुछ कर दिखाने के जज़्बे के सहारे, एक लम्बी सांस लेकर, अपनी नम ऑखों को पोंछ खङा है फिर से अपने टूटे सपनों को एक बार फिर से पूरा करने के लिऐ।

      मिलिए शब्द से, ये है मुख्य किरदार इस रचना के। इनमे हिम्मत है, काबिलियत है कि एक ही जीवन मे इन्होंने दूसरी बार जन्म लिया है। लोगों को कई जीवन लगते है दोबारा जन्म लेने के लिए, लेकिन शब्द ने ये कर दिखाया है अपने होसले से और संगीत के लिए अपनी निष्ठा से, अपनी लगन से।

Flash back - 25/03/2015

     शब्द ने अपनी पैकिगं पूरी कर ली है और आज रात उसकी ट्रेन है मुम्बई के लिए। शब्द की माॅ श्रीमती दिक्षित गुस्से मे तो हैं लेकिन संभाले खुद को और शब्द की मदद कर रहीं हैअं पैकिंग मे लेकिन उन्हे गुस्से से ज्यादा डर सता रहा है अपने बच्चे के लिए क्योंकी शब्द इन 23 सालों में पेहली बार एसे घर से बाहर जा रहा है।

     वो घबराई हुई  है अपने बेटे के लिए क्योंकी वो जानती है कि बाहर की दुनिया मे केसे लोग बेठे हुए हैं और वो जानती हैं शब्द को अच्छे से कि वो कितने साफ दिल का है और वो किसी पर भी आसानी से भरोसा कर लेता है। वो वो परेशान हैं अपने पति के लिए क्योंकी वो जानती हैं कि शब्द के इस फैसले ने दिक्षित जी को अंदर से तोङ दिया है। उन्होने अपने पति और अपने बेटे के बीच की दूरियों को खतम करने की बहुत कोशिशें की हैं।

      शब्द और उसके पापा के बीच हमेशा से ये दूरी नहीं थी, ये दूरी आई पिछले साल जब शब्द ने अपने सपनों और अपने future plans के बारे मे घर मे बताया। और ऐसा नहीं है कि दिक्षित जी शब्द के music के खिलाफ थे, लेकिन उनकी नज़र मे music शब्द का या कीसी का भी मुख्य carrier option नही हो सकता है। उन्होने शब्द को हमेशा कीसी अन्य काम मे उलझाए रखने की कोशिश की ताकी शब्द के सर से music का भूत उतर जाए।

        लेकिन ये सारी कोशिशें एक तरफा ही थीं। शब्द के लिए music उसके जीवन का लक्ष्य था जिससे उसे भटका पाना मुश्किल था। तो जब उसने मुम्बई जा कर अपने सपनो को पूरा करने की ठानी और ये बात अपने घर मे बताई तभी से दोनो बाप बेटे के बीच अतंर कलह शुरू हो गई थी।

    So this is the one family of this story. The other one is waiting for you in another parts. Hope you like them and the plot of this story. Please let me know your reviews about this one. I post other parts soon.


Lots of love
Yuvraaj ❤



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