Hello friends,
If you came directly on this page than I suggest to go on it's first part before reading this part. Through ur messages and comments I realized, you all are in love with shashank and eagerly waiting to read the further direction of his story. So now shashank will tell you his story without waiting further more.
आप लोग सच में यकीन नही मानेंगे मैंने shadi.com पर एक लड़के की प्रोफाइल देखी, और मैं उसे तकरीबन आधी रात तक देखता ही रहा। उस प्रोफाइल को इतने गौर से देखने के पीछे का कारण था, क्योंकि उस प्रोफाइल को ग्रूम डिमांडिंग सेक्शन में रखा गया था। क्या कहते हैं हिंदी में??? हाँ!! वर चाहिए सेक्शन में। पहले तो मुझे भी लगा कि ये या तो टाइपिंग मिस्टेक है या फिर कोई मज़ाक कर रहा होगा। लेकिन फिर जब मैंने उस प्रोफाइल में उस लड़के के परिचय के बारे में पड़ा, तब जाके मुझे लगा कि शायद ये लड़का सच में ही शादी के लिये लड़के को ही ढूँढ़ रहा है। उस लड़के का नाम था मोहित राजावत, होम टाउन में तो राजस्थान का बूँदी जिला लिखा हुआ था, लेकिन उसका जन्म स्थान बैंगलोर ही लिखा हुआ था। उसका बर्थ ईयर 1996 लिखा था, और प्रोफाइल में लगी फोटोज़ में काफ़ी अट्रेक्टिव दिख रहा था। और बायो सेक्शन में लिखा हुआ था....
"हाँ मैं आदमी हूँ आदमी से प्यार करता हूँ। आप इसे शर्म की नज़र से देंखे या मज़ाक की, लेकिन यही मेरी सच्चाई है। और इस वेबसाइट पर मैं एक ऐसे साथी की तलाश में आया हूँ, जो घर बसाने और जीवनसाथी बनाने के तरीके में विश्वास रखता हो। क्योंकि कुछ लम्हों का प्यार करने वाले तो कई सारी एप्प्स और वेबसाइट पर मिल ही जाते हैं, लेकिन इस वेबसाइट से मुझे उम्मीद है कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति से मिल सकूँ जो, अग्नि के सात फेरे लेकर, जीवनभर प्यार करने का वादा कर सके, और मेरे साथ प्यार से भरा एक आशियाना सजा सके। I hope I would found him here!!!"
ये सब पड़ कर तो मेरे मन में जिज्ञासा के बादल ही घिर आये, और उस व्यक्ति के बारे में जानने की ललक ने मुझे आधी रात तक जगाए भी रखा। और बैंगलोर के मोहित राजावत को फेसबुक पर सर्च करने में मुझे बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई। फेसबुक की प्रोफाइल पर भी रेनबो फ्लैग, प्राइड मार्च की तस्वीरें और भी कई चीजें देखने के बाद एक दम साफ हो चुका था, की ये बन्दा गे है, और शायद सच में ही शादी के लिये एक सही लाइफ पार्टनर की तलाश में है। लेकिन shadi.com पर वैसे भी ये मेरा पहला अनुभव था, और उसमें भी गे मैरिज का पृपोसल मुझे उस बंदे को और जानने के लिए उकसाये जा रहा था। खैर अगली सुबह आफिस भी जाना था, तो मैं अपनी सभी उमंगों को उसी लैपटॉप में बंद करके सो गया। और देर से सोने की वजह से सुबह भी देर से ही आँख खुली। भागते भागते तैयार हुआ, पापा ने ब्रेकफास्ट में सैंडविच बनाये थे, तो जल्दी से एक सैंडविच हाँथ में लेकर ही भाग पड़ा। आफिस की कैब भी आ चुकी थी लेने के लिए। आफिस पहुँच कर, काम मे व्यस्त होने की बहुत कोशिशें भी की, लेकिन रह रह कर, मोहित राजावत की तस्वीरें, मेरी आँखों के सामने ही घूम रही थीं, और मुझे बेचैन भी कर रही थी। लंच के समय मैंने सभी से नज़रें छुपाकर मोहित राजावत को एक बार फिर फेसबुक पर सर्च किया। और उसकी तस्वीरों को फिर से देखकर अनायास ही मेरे चेहरे पर भी मंद मंद मुस्कान छा गयी। अब ये मुस्कान किसी से भी छुपाई जा सकती थी, लेकिन अपनी बचपन की जासूस दोस्त की नज़रों से बचपाना थोड़ा मुश्किल ही था।
अस्मिता :- (घूरते हुए, मेरी डेस्क पर आते हुए) "कहाँ खोया हुआ है सुबह से, दीदी को बता तो नहीं दिया तूने कल के बारे में???"
शशांक :- (हड़बड़ा कर लैपटॉप बंद करते हुए) "नहीं!!! All good!!"
अस्मिता :- (आश्चर्य से) "आफिस में पोर्न देख रहा है क्या तू???"
शशांक :- (अस्मिता को घूर कर देखते हुए) "पागल है क्या तू?? और धीरे बोल, कोई सुनेगा तो सच ही मान लेगा।"
अस्मिता :- (शशांक का लैपटॉप खोलते हुए) "तो फिर दिखा क्या देख रहा था तू इतने गौर से। (शशांक के लैपटॉप में किसी लड़के का फोटो देखकर) हाँ सही तो कह रही थी मैं, तू पोर्न पिक्स ही देख रहा है।"
शशांक :- (लैपटॉप अपने हाँथ में लेकर मोहित की फेसबुक प्रोफाइल खोलते हुए) "बकवास बंद कर, ये कोई पोर्न पिक्स नहीं हैं। ये एक फेसबुक की प्रोफाइल है।"
अस्मिता :- (उस प्रोफाइल को अच्छे से देखते हुए) "हम्म्म्म!!! लड़का तो स्मार्ट दिख रहा है, लेकिन तू क्यों देख रहा है??? कहीं तू इस लड़के को स्टॉक तो नहीं कर रहा??"
शशांक :- (अपना सिर पीटते हुए) "तू सच में ही एक नंबर की गैली है। ये मुझे शादी.कॉम पर मिल था, तो मैंने इसे फेसबुक पर सर्च किया।"
अस्मिता :- (बुरा सा मुँह बना कर) "कितनी बार कहा है तुझसे ये ग्वालियर की भाषा ग्वालियर में ही बोला कर, ये गैली शब्द बिल्कुल भी अच्छा नही लगता मुझे। और ये लड़का स्नेहा दीदी से काफी छोटा नही लगा तुझे??"
शशांक :- (मुस्कुराते हुए) "ये स्नेहा दीदी के लिए नही है।"
अस्मिता :- (आँखे बड़ी करके शशांक को घूरते हुए) "तो तू क्या खुद के लिए भी लड़के शादी.कॉम पर ही ढूंढ रहा है??? कहीं तू स्नेहा दीदी के मंडप में ही शादी करने का तो नहीं सोच रहा???"
शशांक :- (धीमे धीमे हँसते हुए) "तू क्या खा कर आई है सुबह सुबह, क्यों पागलों जैसी बातें कर रही है?"
अस्मिता :- "अच्छा शादी.कॉम का लड़का फेसबुक पर तू देख रहा है, वो भी अपने लिए, और मैं पागलों जैसी बातें कर रहीं हूँ!!!"
शशांक :- (अस्मिता को मोहित की शादी.कॉम की प्रोफाइल दिखाते हुए) "अरे यार मैं बस थोड़ा क्यूरियस था इस लड़के के बारे में जानने के लिए बस इसलिए देख रहा था। तू ये देख उसकी शादी.कॉम की प्रोफाइल!!"
अस्मिता :- (मोहित की शादी.कॉम की प्रोफाइल आश्चर्य से देखते हुए) "यार सच में!!! और बता ना इस लड़के के बारे में, अगर ये गे ना होता तो मैं तो जरूर इसे पृपोसल भेज देती।"
शशांक :- "हम्ममम्म!!! बस ऐसे ही मुझे भी मन हो रहा था इसके बारे में और जानने के लिए, इसलिए देख रहा था फेसबुक पर इसकी प्रोफाइल।"
अस्मिता :- (शशांक के लैपटॉप में कुछ टाइप करते हुए) "हाँ तो यहाँ वहाँ सर्च करने की क्या जरूरत है? जब शादी.कॉम वालों ने हमे ऑप्शन दिआ है कि हम एक दूसरे से बात कर सकते हैं तो इसका उपयोग करो ना।"
शशांक :- (जल्दी से अस्मिता के हाँथ से लैपटॉप छीनते हुए) "क्या कर रही है तू???" (अस्मिता द्वारा मोहित को भेजा हुआ मैसेज पड़ते हुए) 'Hello!!! I wanna connect with you!!' (अपना सिर पकड़ कर अस्मिता से) ये क्यों भेजा तूने???"
अस्मिता :- (मुस्कुरा कर वहां से जाते हुए) "मुझे थैंक्स बाद में बोल देना, लेकिन अगर कोई मैसेज आये, जो कि पक्का आएगा, तो मुझे जरूर बताना।"
ये हमेशा ऐसा ही करती है, कहीं पर भी बीच मे घुस आती है और मेरा सारा काम खराब कर देती है। अब ये मैसेज भी डिलीट नहीं होगा और जब मोहित मेरा ये मैसेज पड़ेगा तो वो क्या सोचेगा??? और ये शादी.कॉम की प्रोफाइल भी दीदी के नाम से है। पता नहीं अब क्या होगा। मैं सारा दिन यही सोचता रहा और इसी उलझन में मैंने आज का सारा दिन भी बिता दिया। घर जाकर दीदी को कुछ लड़कों के फोटो दिखाए जो मैंने शादी.कॉम पर दिनभर मोहित की प्रोफाइल को बार बार देखने के बहाने देखे थे। दीदी को भी उनमें से एक दो लड़के पसंद आए और उसने पापा को भी उनके बारे में बताया और पापा को भी उन लड़कों की प्रोफाइल अच्छी लगी। रात को खाना खाने के बाद जब मैं अपने आफिस का कुछ काम कर रहा था, तो बार बार मेरा मन कर रहा था कि एक बार मोहित की फ़ोटो देख लूँ। लेकिन मैं हर बार अपने मन को समझा लेता था और वापस से अपने काम मे ध्यान लगाने लगता था। लेकिन जब मैंने सोने के लिए लैपटॉप को बंद करना चाहा, तो एक बार फिर मोहित की प्रोफाइल को देखने का मन हुआ, और अब कोई खास कारण भी नही था अपने मन की बात को टालने का, तो मैंने शादी.कॉम की वेबसाइट को जैसे ही खोला। मुझे मैसेज का एक नोटिफिकेशन मिला। इनबॉक्स को खोलते ही मेरे तो हाँथो की उंगलियां ही मानो थम गई, क्योंकि वो मैसेज मोहित राजावत का ही था।
मोहित :- (मैसेज में) "Hey sorry for late reply!!! Busy with some work!! Hope you read my bio in profile well. I am gay and I am searching my life partner here!!"
मोहित का मैसेज पड़ कर पहले तो मुझे समझ ही नही आ रहा था कि मैं उसे रिप्लाई क्या दूं। की मैं तुम्हारे बारे में और जानना चाहता हूँ, या ये मैसेज तो बस मेरी एक स्टुपिड फ्रेंड ने भेज दिया था, या फिर ये की मुझे तुम्हारी फ़ोटो तुम्हारी प्रोफाइल तुम्हारी बातें बहुत अच्छी लगी और मैं तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ। मुझे समझ नही आ रहा था कि मैं इतना नर्वस क्यों हो रहा था। फिर मैंने एक लंबी सी सांस ली और उसे रिप्लाई कर ही दिआ।
शशांक :- (मैसेज में) "Hey sorry to disturb you. I saw your profile here, so just curious to know about you. Hope you don't mind."
ये मैसेज करके मैं लैपटॉप बन्द ही करने जा रहा था कि मुझे तभी दुबारा से मैसेज आने की नोटिफिकेशन आयी। मैंने इनबॉक्स ओपन किआ तो वो मोहित का ही मैसेज था।
मोहित :- (मैसेज में) "No problem mam!!! It's happens several time with me. I am the only gay here on this website may be."
शशांक :- (मैसेज में) "Hmmmm understand!!! And by the way I am shashank."
मोहित :- (मैसेज में) "But this profile belongs to sneha gupta no??"
शशांक :- (मैसेज में) "Yes definitely! She is my elder sister, and I am looking a good match for her only."
मोहित :- (मैसेज में) "Ok cool!! Hey I saw your sister's profile, and I liked it, here I am sending a link of another profile. He is my elder brother and we also looking a good match for him. So look at it if you guys have any interest than we go further."
शशांक :- (मैसेज में) "Fine!! I definitely going to show this profile to my sister. I will contact you after that. Nice to talk to you !"
मोहित :- (मैसेज में) "Same here dear!!"
अभी तक तो मैंने सिर्फ मोहित की फ़ोटो देखी थी या उसके बारे में थोड़ा बहुत पड़ा था, लेकिन अभी मोहित से जो थोड़ी सी बात हुई, बस उससे ही समझ आ रहा था कि मोहित एक अच्छा लड़का है और अच्छे घर से ताल्लुक़ रखता है। क्योंकि उसके बात करने के अंदाज में ही उसकी परवरिश साफ झलक रही थी। खैर उस रात तो मैं मोहित के सपनों में ही सो गया था। और मेरे लिए भी नया था। मतलब मैं पहले भी कई लड़कों से मिल चुका था। मेरे 2 सीरियस रिलेशनशिप भी रह चुके थे कॉलेज में। लेकिन मोहित में कुछ अलग ही बात थी, जो मुझे उसकी ओर खिंचे चली जा रही थी। मोहित के सपनों से बाहर आकर, सुबह सबसे पहले मैंने दीदी को मोहित के बड़े भाई की प्रोफाइल ही दिखाई। उनका नाम शोभित राजावत था। वो दीदी से कुछ महीने ही बड़े थे, और एक mnc में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। बाकी सब तो वही था जो मोहित की प्रोफाइल में लिखा हुआ था। दीदी को शोभित जी की फोटोज भी अच्छी लगी थी, और पापा को भी उनकी प्रोफाइल पसंद आ गयी थी। और मुझसे सब्र भी नही हो रहा था ये बात मोहित को बताने के लिए। दरअसल मुझे ज्यादा उतावलापन मोहित से बात करने के लिए हो रहा था। मैंने तुरंत ही मोहित को मैसेज कर पापा और दीदी का रिएक्शन उसे बताया और उससे उसका फ़ोन नंबर भी मांग लिया, जिससे हम आगे की बात उसके मम्मी पापा से भी कर सके। उस दिन मेरा सारा ध्यान मेरे लैपटॉप पर ही था, की कब मोहित का कोई रिप्लाई आये, और उसके चलते आफिस में मुझे मैनेजर से थोड़ी बातें भी सुननी पड़ीं, क्योंकि मैंने आज का अपना काम पूरा करके उसे जो नही दे पाया था। लेकिन सुबह से अब शाम होने आ गयी थी और मोहित का कोई भी मैसेज नही मिला था। अब सुबह का उत्साह मायूसी में बदल गया था, और मेरे चेहरे से साफ साफ झलक भी रहा था।
अस्मिता :- (शशांक की डेस्क पर आते हुए) "क्या हुआ तुझे, सुबह तो बड़ा फुदक रहा था, और अब ये शक़्ल पे 12 क्यों बजे हुए हैं।"
शशांक :- (उबासी लेते हुए) "कुछ नहीं!!! आज मन नही लग रहा काम में।"
अस्मिता :- (शशांक के लैपटॉप में झांकते हुए) "सुबह से देख रही हूं तुझे, लैपटॉप में तो ऐसे घुसा है कि सारी कंपनी का काम तू ही कर रहा हो!!! और मैनेजर क्या बोल रहा था??"
शशांक :- (लैपटॉप अस्मिता से छुपाते हुए) "कुछ नहीं वो नए प्रोजेक्ट के बारे में पूछ रहा था बस।"
अस्मिता :- (लैपटॉप शशांक के हाँथ से छीनते हुए) "सब ने सुना कि मैनेजर क्या बोल रहा था, तो तू मुझसे तो झूठ बोल ही मत। (लैपटॉप में शादी.कॉम की मोहित की प्रोफाइल खुली हुई पाकर) तू क्या कर रहा है अब ये??? तू इसे स्टॉक कर रहा है क्या?"
शशांक :- (लैपटॉप अस्मिता से वापस लेते हुए) "तू अपने काम से काम क्यों नही रखती है। और मैं उसे स्टॉक नही कर रहा। वो तो बस इसके भाई की प्रोफाइल पापा और दीदी को पसंद आई थी, तो वही बताया था उसे।"
अस्मिता :- (आश्चर्य से) "क्या???? अब तू उसके भाई को भी नही छोड़ेगा??"
शशांक :- (हँसते हुए) "तुझे पता है ना कि तू पूरी की पूरी पागल है। उसके भाई की प्रोफाइल दीदी के लिए देखी थी, और वो पापा और दीदी दोनों को ही पसंद आई।"
अस्मिता :- (मुस्कुराते हुए) "अच्छा तो ऐसा बोल ना। मुझे भी दिखा उसका भाई क्या वो भी मोहित की तरह स्मार्ट दिखता है???"
शशांक :- (मुस्कुराते हुए अस्मिता को शोभित की प्रोफाइल दिखाते हुए) "हम्मममम्म स्मार्ट तो दिखता है, लेकिन मोहित से थोड़ा सा कम!!!"
अस्मिता :- (शोभित की फोटोज देखते हुए) "सही है यार, तुम दोनों भाई बहन और वो दोनों भाई भाई। (हँसते हुए) वैसे इसका एक और कोई भाई या दोस्त भी है क्या मेरे लिए???"
शशांक :- (भवों को सिकोड़ते हुए) "और तुझे इसकी क्या जरूरत, तेरा तो आलरेडी बॉयफ्रेंड है ना!!! तू मेरा दिमाग खाने के वजाए उसके पास क्यों नहीं जाती।"
अस्मिता :- (लैपटॉप के साइड से हटते हुए) "पता नहीं कहाँ है वो, लगता है वो मुझे लेके सीरियस नहीं है, तो मैं भी उससे दूरी बनाए हुए हूँ, ताकि जब ब्रेकअप हो तो मुझे ज्यादा बुरा ना लगे।"
शशांक :- (लैपटॉप बन्द करके अस्मिता के कंधों पर हाँथ रख कर) "क्या हुआ??? तूने पहले कभी क्यों नहीं बताया इसके बारे में। ज्यादा प्रोबलम है क्या तुम दोनों के बीच, जो तू ब्रेकअप के बारे में सोच रही है??"
अस्मिता :- (शशांक के पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए) "क्या बताऊँ यार, वो शुरू से ही ऐसा ही है, मैं ही सीरियस हो गयी थी उसके लिए, वो तो शायद आज भी वैसा ही है जैसा पहले था, बस पहले मुझे उसकी ये बाते बुरी नहीं लगती थीं। (आँखों मे आँसू लेके मुस्कुराते हुए) वो तो मुझसे मेरे बारे में कम और बाकी के लोगों के बारे में ही बातें करता है। उसने आज तक मुझसे मेरे बारे में इतना नही पूछा होगा जितना कि मैंने उसे तेरे बारे में बताया होगा। और उसने तो अभी तक मुझसे ये तक नही पूछा कि मैं रहती कहाँ हूँ, मेरे घर में कौन कौन है, मुझे कौनसी मूवी पसंद है, खाने में क्या अच्छा लगता है....."
शशांक :- (अस्मिता को बीच मे ही रोक कर उसे गले लगाते हुए) "बस बस बस!!! ठीक है, सब धीरे धीरे ठीक हो जाएगा, शायद वो स्लो हो रिलेशनशिप के मामले में, तू एक काम कर ना, उससे सीधी बात करले एक बार, हो सकता है ऐसा कुछ हो ही ना जो तू सोच रही है, और ये भी हो सकता है कि तू सही ही सोच रही हो। लेकिन कम से कम सब साफ तो हो जाएगा ना।"
अस्मिता :- (शशांक के गले से अलग होकर अपने आँसुओ को पोंछते हुए) "हम्ममम्म!!! ठीक कह रहा है, मैं कर लुंगी उससे बात। (हल्के से मुस्कुराते हुए) लेकिन तू मोहित से पूछ तो लेना ही उसके भाई या दोस्त के बारे में।"
शशांक :- (हँसते हुए) "तू नहीं सुधरेगी।"
ऐसी ही है मेरी ये इकलौती बेस्ट फ्रेंड, थोड़ी सी झल्ली थोड़ी सी केयरिंग, और रिलेशनशिप के मामले में थोड़ी सी कमज़ोर भी। ये सब इसके साथ पहली बार नही हो रहा है। मैने इसके ब्रेकअप्स स्कूल के समय से ही देखे हैं। मुझे भी आज तक नही समझ आ पाया कि इसको अपने बॉयफ्रेंड में क्या पसंद आता है और क्या नहीं। ये वाला फिर भी अब तक का इसका सबसे ज्यादा चलने वाला रिलेशनशिप रहा है। वरना या तो ये कुछ महीनों में अपने रिलेशनशिप से ऊब जाती थी, या फिर इसे इसका बॉयफ्रेंड छोड़ जाता था। थोड़ी अनलकी है बॉयफ्रेंड के मामले में लेकिन उतनी ही ज्यादा लकी है फ्रेंड के मामले में। क्योंकि मैं हमेशा इसके साथ रहता हूँ, इसके साथ हंसने के लिए भी और इसके टूटे दिल को सहारा देने के लिए भी। लेकिन अस्मिता से बातों में ऐसा उलझा की मैं देखना ही भूल गया कि मोहित का मैसेज आ चुका था। और आफिस से घर आने का टाइम भी हो चला था तो मैंने अपना सामान उठाया और हम दोनों अपने अपने घर को निकल दिए। रात को खाने के टाइम जब पापा ने पूछा कि "शोभित से कुछ बात हुई क्या?" तब मुझे याद आया कि मैंने मोहित को जो मैसेज किआ था उसका अब तक कोई रिप्लाई नही आया है। तो मैंने पापा को भी यही बताया कि मैंने मैसेज कर दिया है, कोई रिप्लाई आएगा तो बताऊंगा।
रात के खाने के बर्तन धोने का आज मेरा नंबर था, दरअसल मैंने और दीदी ने अपने दिन तय कर रखे हैं काम करने के। और ऐसा करने की सिर्फ एक वजह थी की मैं और दीदी झगड़ा ना करे और घर के काम भी आराम से निपट जाएं। लेकिन फिर भी दीदी कई बार कुछ ना कुछ बहाना बना कर अपने वाले काम भी मुझसे करा लिया करती थी, और मैं भी छोटा भाई होने के लिहाज़ से कभी कभी उसकी बात मान भी लिया करता था। और कभी कभी दीदी बिना कुछ कहे ही मेरे हिस्से के सारे काम खुद ही कर दिया करती थी। मम्मी के जाने के बाद हम लोगों ने धीरे धीरे ही सही लेकिन अपने को संभाल लिया था। खैर, सारे काम खत्म करके जब में सोने के लिए अपने बिस्तर पर आया, तो सबसे पहले मैंने अपना लैपटॉप खोला और मोहित का मैसेज ही चेक किया।
मोहित :- (मैसेज में) "Again sorry!!! Busy with work. +918085427××× this is my contact number, please call me whenever u got my message, so we can plan for our siblings meeting."
मोहित का पोसिटिव रिप्लाई देख कर मुझे थोड़ी खुशी थी। मैंने बिना वक़्त गवांए तुरंत उस नंबर पर फ़ोन लगाया। और कुछ घंटी जाने के बाद ही सामने से एक भारी लेकिन बहुत ही मधुर आवाज़ में मुझे "hello" सुनने को मिला। जिस फुर्ती से मैंने उस नंबर पर कॉल किआ था, अब उतनी ही स्थिरता से मैं ये सोच रहा था कि मैं अब क्या बोलूँ। सामने से मोहित बार बार "hello - hello" बोले जा रहा था, और इधर मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि मैं अपनी बात शुरू कहाँ से करूँ। घबराकर मैंने पहले तो वो कॉल कट किआ, और फिर थोड़ी देर सोचने के बाद फिरसे मोहित को कॉल कनेक्ट किआ। और इस बार मोहित कुछ बोले उससे पहले ही मैंने बोलना भी शुरू कर दिया।
शशांक :- (फ़ोन कॉल कनेक्ट होते ही) "Hello mohit, shashank this side. You gave me your number on shadi.com"
ये सब कुछ एक ही साँस में, हड़बड़ाहट में बोलने के लिए, मैंने अपनी नाक भवें सिकोड़ी, और अपने ही मोबाइल को थोड़े धीरे से अपने माथे पर दे मारा। और वापस से उस मोबाइल को अपने कानों से लगा कर मोहित का रिप्लाई सुनने लगा।
मोहित :- (थोड़ी देर सोचने के बाद फ़ोन पर) "Ohhhhk!!! Sneha Gupta's brother। So sorry, वो ये सब पहली बार सुना ना तो कुछ समझ ही नहीं आया। shadi.com से मेरे पास कोई फ़ोन आता नहीं ना।"
शशांक :- (आँखे बंद करके नाक सिकोड़ते हुए फ़ोन पर) "नहीं आपकी कोई गलती नहीं, मैंने इतनी जल्दी जल्दी बोल दिया कि किसी को भी समझ नही आता।"
मोहित :- (मुस्कुराते हुए फ़ोन पर) "It's ok!! May be this is your first time too!! So hows everyone in family?"
शशांक :- (मुस्कुराते हुए फ़ोन पर) "Thank you for asking!! सभी बढ़िया हैं। आपके वहाँ सब कैसे हैं।"
मोहित :- (फ़ोन पर) "Hmmmm!! All good. तो आप लोग ग्वालियर से हैं??"
शशांक :- "हाँ!! पापा के ट्रांसफर के बाद यहीं सेटल हो गए।"
मोहित :- (मुस्कुरा कर) "Nice place!! मैं बचपन में एक बार गया हूँ ग्वालियर, हमारे एक दूर के चाचा की बारात में गया था। काफी एन्जॉय किआ था हमने वहां।"
शशांक :- "हम्ममम्म अच्छा शहर है, मैं भी काफ़ी याद करता हूँ।"
मोहित :- (मुस्कुराकर) "हाँ अपना घर तो सभी को याद आता है। हम लोग भी बूँदी से हैं। पापा मम्मी तो अभी भी हो आते हैं कभी कभी, लेकिन मुझे और भैया को तो बिल्कुल भी मौका नही मिल पाता। खैर, आप लोगों ने क्या सोचा फिर??"
शशांक :- (मोहित की मखमली आवाज़ में खोए हुए) "सोचा ना, बहुत सोचता हूँ मैं... (अचानक से होश में आने के बाद ये सोच कर की ये क्या बोल दिया मोहित से, मोबाइल को वापस से अपने माथे पर मारते हुए, बात बदल कर) वो पापा से बात की मैंने, तो अगर आप लोग संडे को फ्री हो, तो हम आपको अपने घर बुलाने के बारे में सोच रहे थे।"
मोहित :- "हाँ क्यों नहीं। मैं पूछ लेता हूँ मम्मी पापा से, फिर इन्फॉर्म कर दूँगा। वैसे ये अच्छा भी रहेगा, भैया और आपकी दीदी भी मिल लेंगे एक दूसरे से, तब ही हम आगे की कोई बात करें तो अच्छा रहेगा।"
शशांक :- "हाँ, यही पापा भी कह रहे थे, तो आप बता दीजिएगा मुझे कॉल व्हाट्सएप्प या मैसेज या जैसे आप चाहे। (एक बार फिर ज्यादा बोलने के लिए अपने मोबाइल को अपने माथे पर मारते हुए)"
मोहित :- (मुस्कुरा कर) "Ok, मैं इन्फॉर्म कर दूँगा। बात करके अच्छा लगा।"
शशांक :- (मुस्कुरा कर) "मुझे भी। bye!!!"
मोहित :- "Bye!!!"
वो फ़ोन रखने के बाद मैंने फिर एक बार, मोबाइल को अपने माथे पर दे मारा था, लेकिन इस बार एक मुस्कुराहट के साथ। मुझे पता नहीं क्यों आज पहली बार किसी अनजान से फ़ोन पर बात करके इतना अच्छा लग रहा था, की मैंने ऐसा सुकून सिर्फ किसी से बात करके आज तक महसूस नही किआ था। और मैं ये सोचकर भी बहुत खुश हो रहा था, की जब मोहित की आवाज़ में ही इतना अपनापन था, तो उसकी शख्सियत कितनी लाजवाब होगी। तस्वीर को तो थोड़ा बहुत एडिट किआ जा सकता है, लेकिन अपनी आवाज़ में आप वो सादगी बनावटी नही ला सकते, जो मैंने अभी अभी मोहित की आवाज़ में महसूस की थी। अभी तक तो सिर्फ उसकी तस्वीर, उसकी लिखी हुई बातें ही मुझे उसकी ओर आकर्षित किए हुए थीं, लेकिन अब उसकी आवाज़ ने तो मुझे पूरा उसका दीवाना भी बना दिया था।अब तो बस मुझे इंतेज़ार था कि कब मोहित का मैसेज आये, और वो संडे को घर आने के लिए राजी हो जाये।
अगर अब आपको भी मोहित से मिलने का थोड़ा थोड़ा मन हो रहा है, तो बस थोड़ा सा इंतेज़ार कीजिये, जब संडे को वो शशांक से मिलने आएगा, तब आप भी मिल लीजिएगा।
Lots of love
Yuvraj ❤️
Finally got to read this! BTW aaj aapne 'Lots of love- Yuvraj' nhi likha.
ReplyDelete😁😁 forgotten!!! Thanks for reminding it.
DeleteNext part kab aayega Sir?
DeleteTrying to complete it soon dear.
DeleteHindi Kahaniyan Padhane ke liye please visit kahanikiduniya.in site par. Best Hindi Sory, Moral stories, Kids stories, Tenali raman hindi kahaniyan, Akbar Birbal ki kahaniyan, & Dharmik story on my Website - KahaniKiDuniya.in
ReplyDeleteBest Hindi kahaniyan
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Sir next part, please complete it soon 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteThanx for eagerly waiting for final part, I'm stuck in some work now, so trying to complete it soon.
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteWoww.... Amazing story... Mohit se milne ke liye main bhi bekarar hu...🙈🙈 ... ashmita ne jaisa kha Inki shadi bhi usi mandap me hi karwana...
ReplyDeleteCan't wait for next part... Please upload soon...
Thanx for reading dear, I'm trying to complete the final part soon.
DeleteHi, yuvraj.. i m also a blogging a story Kayan ki zindegi. can i got ye e-mail id ?? mai apni kahani ka 10th paart likh chuka hun.. apse thoda tips lena tha mujhe.. plzz reply me kayanehsash@gmail.com
ReplyDeleteNext part kab aayega
ReplyDeleteI'm eagerly waiting for next part..please upload soon
ReplyDeleteplzz read my story "Kayan ki zindegi"
Deleteboyslovestoryhindi2021.blogspot.com
Next part kab aayega? I'm not able to wait now...
ReplyDeleteDear Yuvraj
ReplyDeleteI'm eagerly awaiting for your shadi.com part III
Please Upload Soon
I do check your page daily...
Can't wait now
Please Upload Soon...Please
Yaar Aap III part kb upload karoge....kitna wait karwa rhe ho aap
ReplyDeletePlease dear
ReplyDeleteAap 3 rd part kab upload karo ge
Plz upload part III as soon as possible
ReplyDeleteDear readers u can read a compleet boys love story "Kayan ki Zindegi"
ReplyDeleteइसे पढ़ के आप रोयेंगे, imotionla होँगे और exitement भी feelकरेंगे
https://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2020/10/kayan-ki-zindegi-parat-1.html
पूरी कहानी पढ़ने केलिये
boyslovestoryhindi2021.blogspot.com
https://boyslovestoryhindi2021.blogspot.com/2020/10/kayan-ki-zindegi-parat-1.html
ReplyDeleteNext part plzzz.
ReplyDeleteNext part kab aayga
ReplyDeleteNext part kab tak aayga
ReplyDelete