Tuesday, July 14, 2020

"वो पहली नज़र" Final Part


Hope you all already read the first part of this story, if not than please go and read it fast.


        घर आकर अयान बहुत ज्यादा मायूस महसूस कर रहा था। और बार-बार कार्तिक की कही बात के बारे में ही सोचे जा रहा था। कि उसने क्यों गंदे शब्दों में उसकी बात का रिप्लाई दिया। लेकिन कुछ देर बाद उसने एक बात नोटिस की, कि कार्तिक को यह सुनकर कि, अयान को उससे प्यार है, जरा भी आश्चर्य महसूस नहीं हुआ। और ना ही उसने ऐसा कहा कि, वह स्ट्रेट है, या की वह गे नहीं है। अब इस बात का भी, अयान अपने मन को तसल्ली देने के लिए कई अर्थ निकालने लगा, कि हो सकता है कि वह भी गे हो, और बस कैफे में किसी को इस बारे में पता ना चले, इसलिए अयान से दूरी बना रहा हो। और जब कार्तिक ने गुस्से में उसे कैफे में आने से मना किया था, तब भी उसने ऐसा नहीं कहा था, कि वह स्ट्रैट है। यह सब सोचकर तो अब अयान की खुशी का ठिकाना ही नहीं था। और उसने ठान लिया कि वह कल फिर कार्तिक से बात करेगा, और कल पूरी बात किए बिना उसे जाने नहीं देगा।




    अगले दिन ठीक समय पर अयान कार्तिक से मिलने पहुंच गया।


कार्तिक :- "तुम फिर आ गए यार??"


अयान :- "I know तुम भी गे हो, और तुम्हारे कैफ़े में किसी को पता ना चले, इसलिए तुम मुझे खुद से दूर करना चाहते हो।"


कार्तिक :- (हँसते हुए) "हाँ मै गे हूँ, हाँ मै नहीं चाहता कि कैफ़े में किसी को इस बारे में पता चले। इसलिए तो मैने तुम्हे कैफ़े में आने से मना किया। और thank you की तुमने मेरी बात मान ली।"


अयान :- " हाँ तो फिर अब क्या problem है? I promise मैं इस बात को किसी को भी नही पता लगने दूंगा।"


कार्तिक :- "Thank you!! लेकिन जैसा तुम सोच रहे हो, वैसा हमारे बीच कुछ नही हो सकता।"


अयान:- (कार्तिक का हाँथ पकड़ते हुए) "एक मौका तो दे कर देखो। मैं सच मे तुम्हे बहुत प्यार करने लगा हूँ।"


कार्तिक :- (अपना हाँथ अयान के हाँथ से छुड़ाते हुए) "Dear बात तुम्हारी नही, मेरी है। मैं किसी से भी प्यार करने के लिए नही आया हूँ। मेरी कुछ जरूरतें हैं, और उन सब के सामने ये प्यार व्यार बहुत छोटी चीज़ है। मैं तुमसे request करता हूँ, मुझसे दूर रहो! Please!!"


      इतने में ही पीछे से एक गाड़ी से हॉर्न की आवाज आती है, और कार्तिक उस गाड़ी में बैठ कर वहां से चला जाता है।


           उस रात अयान के लिए सो पाना थोड़ा मुश्किल था।कार्तिक कई सारे सवाल छोड़ गया था, अयान के लिए। और उनके जवाब ढूंढ पाना नामुमकिन सा था। जब आप पहली नजर में ही किसी को अपना दिल दे बैठते हो, तो वह एहसास ही आपके अंदर, एक नए आप को जन्म दे देता है। वह इंसान आपके लिए फिर सारी दुनिया में सबसे ज्यादा खास बन जाता है। उसका हंसना, उसका बोलना, उसका मुस्कुराना, आपको बेहद अच्छा लगने लगता है। उस इंसान को पाने के लिए, उसके आसपास रहने के लिए, आप सारी दुनिया से भी लड़ने को तैयार हो जाते हो। वह पहली नजर का पहला प्यार, उन एहसासों में से एक है, जिसकी तुलना किसी और एहसास से की ही नहीं जा सकती। कार्तिक भी तो अयान का पहला प्यार था, तो वो उसे इतनी आसानी से कैसे जाने दे सकता था। अयान ने अपने दोस्तों से भी इस परेशानी के लिए कुछ सुझाव मांगे, और उन्हीं के निर्णय स्वरुप, अयान अब हर शाम ऑफिस खत्म होने के बाद, कैफे से कुछ दूरी बनाकर कार्तिक का इंतजार करने लगा। कार्तिक भी अयान को नोटिस करता, लेकिन नजरअंदाज कर वहां से चला जाता। ऐसा कुछ है 6-7 दिन लगातार होता रहा।



कार्तिक :- (अयान की तरफ आते हुए) "यार! क्यों अपना समय ऐसे बर्बाद कर रहे हो??"


अयान :- (मुस्कुरा कर) "ऐसा तुम्हे लग रहा होगा। मैं तो तुम्हे देख लेता हूं तो मेरा दिन अच्छा बन जाता है।"


कार्तिक :- ( अयान की बात सुन मुस्कुरा कर) "अरे वाह!! फिल्मी dailogue!! Hmmmmmm very good। कहीं और try करो तो शायद तुम्हारी दाल भी गल जाए।।"


अयान :- "शायद तुम मुझे अभी भी कोई stocker या फिर sex seeker समझ रहे हो। लेकिन मुझे तुमसे प्यार के अलावा कुछ और नही चाहिए।"


कार्तिक :- (हँसते हुए) "Sex seekers में daily देखता हूँ, trust me, i know तुम sex seeker नही हो। अगर तुम्हें केवल sex चाहिए होता, तो मुझे कोई प्रॉब्लम नही थी। लेकिन तुम्हे जो चाहिए, वो मेरे पास नही है।"



            इतना कहकर कार्तिक मुस्कुरा कर वहां से जाने लगता है, और अयान पीछे से उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकता है।



अयान :- "क्या मतलब??? तुम्हारी बाते पहेलियों की तरह लगती है मुझे, मैं नही समझ पा रहा तुम क्या कहना चाहते हो?"



कार्तिक :- (अपना हाँथ अयान के से छुड़ाते हुए, मुस्कुरा कर) "बस इतना समझ लो की, मैं किसी के प्यार के काबिल नही हुँ। लेकिन तुम अच्छे लगे मुझे, तो जब भी free हो बता देना, मैं free में चलूंगा तुम्हारे साथ।"



         और कार्तिक हंसकर, अयान के गालों पर एक किस कर के, वहां से चला जाता है। और थोड़ी दूरी पर खड़ी एक गाड़ी में जाकर बैठ जाता है, और वह गाड़ी उसे वहां से ले कर चली जाती है।



           अब तो कार्तिक अयान के लिए एक पहेली बना जा रहा था, और कार्तिक की बातें, उसे उस पहेली में और उलझाती जा रही थी। लेकिन आज की कार्तिक की बातें, और उसके हर रोज अलग अलग गाड़ियों में बैठकर जाने से, कुछ तो एकदम साफ नजर आ रहा था, लेकिन अयान ऐसा कुछ कार्तिक के बारे में नहीं सोचना चाहता था।



         अगली रात जब कार्तिक कैफ़े से निकला, तो अयान उसका बेसब्री से इंतजार कर रहा था। और कार्तिक को अपनी ओर आते देख, उससे रहा नहीं गया और वह भागकर कार्तिक के पास गया और बोला।


अयान :- "मैं आज free हूँ, चलो मेरे साथ।"


कार्तिक :- (ठहाके लगा कर हँसते हुए) "क्या??? कहाँ चलो???"


अयान :- "तुमने कल कहा था ना, जब मैं free हूँ तब चलोगे मेरे साथ, तो चलो, आज मैं free हूँ।"


कार्तिक :- (मुस्कुराते हुए) "Sorry dear! आज ही मुझे 3 दिनों के लिए आगरा जाना है, अपने client के साथ। Sunday!!! Sunday को मिलते हैं, कैफ़े के बाद। अपना address देदो मैं पहुंच जाऊंगा।"


अयान :- (मुस्कुराते हुए) "नहीं। मैं खुद आ जाऊंगा तुम्हे लेने।"



          Sunday को मिलना तय कर अयान आज इतने दिनों बाद खुशी खुशी अपने फ्लैट पर वापस आया था। कार्तिक कि कहीं बाकी सब बातों को नजरअंदाज कर, वह सिर्फ इस बात से खुश था कि, Sunday को वह कार्तिक के साथ कुछ पल एक साथ बिताएगा।  उस रात थोड़ी चैन की नींद ली थी अयान ने। और इन 3 दिनों में ना जाने कितनी ही प्लानिंग कर ली थी उसने कि, कैसे घर को सजायेगा, खाने के लिए क्या होगा, क्या-क्या बातें होंगी, वगैराह - वगैराह।



         आखिर 3 दिन बीते और sunday भी आ गया। सुबह जल्दी आंख खुल गई थी आज अयान की, या यूं कहूं सारी रात नहीं सो पाया था कार्तिक से मिलने की खुशी में। सारा दिन घर की साफ सफाई और सजावट में निकला। और खाने में कुछ चाइनीज़ बनाना ही तय किया। रात होते ही अयान कार्तिक को लेने कैफ़े पहुंच गया, और कार्तिक को अपने साथ अपने फ्लैट पर ले आया।



कार्तिक :- (अयान के फ्लैट में अंदर आते हुए) "Nice house!"


अयान :- "Thank you! बताओ पहले कुछ drinks लोगे या खाना serve करूं।"


कार्तिक :- (अयान को अपनी बाहों में भरते हुए) "अरे मैं इस सब के लिए थोड़ी आया हूँ यंहा। तुम तो सीधे अपने बेडरूम में ले चलो।"



अयान :- (कार्तिक की आँखों मे प्यार से देखते हुए) "मुझे तो बस तुम्हारे साथ वक़्त बिताना है। तुम्हे जानना है, तुम्हे अपना प्यार समझना है।"


कार्तिक :- (मुस्कुराते हुए) "देखो! कहा था ना मैने, तुम औरों जैसे नहीं हो। और बस यही बात मुझे तुम्हारे पास नही आने देती।"



        इतना कहकर कार्तिक मुस्कुराते हुए, अयान से अलग होकर खाने की मेज की तरफ चला जाता है, और अयान भी उसके पीछे-पीछे वहां आता है।



अयान :- (कार्तिक के बैठने के लिए कुर्सी खींचते हुए) " मैं कब तुम्हें अभी कुछ commit करने के लिए कह रहा हूं, बस मेरे साथ थोड़ा वक्त बिताने को ही तो कह रहा हूं। शायद तुम्हें मेरा साथ पसंद आ जाए, और तुम्हें मुझे कम से कम एक मौका तो देना चाहिए।"


कार्तिक :- (अयान द्वारा खिसकाई कुर्सी पर बैठते हुए) "मैं पहले भी तुम्हे बता चुका हूँ, मैं ऐसा कुछ नही करना चाहता।"


अयान :- (कार्तिक के सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए) " वही तो मैं जानना चाहता हूं, कि आखिर ऐसा क्यों? क्या मैं तुम्हें पसंद नहीं? या फिर तुम्हारी life में कोई और है? अगर ऐसी कोई बात है, तो तुम मुझे बता सकते हो, I promise मैं कभी तुम्हारे रास्ते में नहीं आऊंगा।"


कार्तिक :- "अयान मैं एक escort हूँ, sex worker"


      कार्तिक की यह कहते ही वहां एकदम सन्नाटा सा हो जाता है। अयान बस कार्तिक ने जो कहा, उसे अपने दिमाग में बैठाने की कोशिश कर रहा था, और तभी कार्तिक ने ही बात को आगे बढ़ाया।


कार्तिक :- "I know यह सुनने के बाद तुम्हारी सारी feelings बदल जायेंगी। लेकिन सच मानो मुझे इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता। तुम अगर मेरे बारे में कुछ गलत सोचोगे, तो भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और तुम चाहो तो मैं तुम्हारे साथ बेडरूम में भी चल सकता हूं, और अभी इस घर से बाहर भी जा सकता हूं। जैसा तुम्हें ठीक लगे, लेकिन यह मेरी सच्चाई है।"



अयान :- (कुछ देर सोचने के बाद ) "लेकिन क्यों?? अगर कैफ़े की payment से ज्यादा चाहिए, तो तुम कुछ और काम भी तो कर सकते हो।"


कार्तिक :- "मैं सिर्फ 8 तक पड़ा हूँ, और किसी भी काम से मुझे इतने पैसे नहीं मिलेंगे, जो अभी मिलते हैं। और कैफ़े तो बस दिन में खुद को busy रखने के लिए, और normal feel करने के लिए है बस।"


अयान :- "Normal मतलब??"


कार्तिक :- "जब खुद को शीशे में देखता हूं तो घिन आती है, कैफे में काम करके थोड़ा normal महसूस होता है।"


अयान :- " मतलब तुम्हें खुद यह सब करना पसंद नहीं है। तो फिर क्यों करते हो?"


कार्तिक :- " गांव में मां है, दो बहने हैं, उनकी सारी जिम्मेदारी है मुझ पर। जब घर पैसे भेजता हूं, तो उस खुशी के आगे यह सब बहुत छोटा लगता है।"


अयान :- " कैफे में किसी को पता है तुम्हारे इस काम के बारे में?"


कार्तिक :- " नहीं!!  किसी को नहीं पता। पहले मैं दिल्ली में ही काम करता था। लेकिन फिर वहां धीरे-धीरे मेरे बारे में पता चलने लगा। तो मैं यहां गुड़गांव में आ गया। और मेरे कस्टमर्स तो वेबसाइट से आ ही जाते हैं।"


अयान :- "वेबसाइट???"


कार्तिक :- "Hmmmmm, Rentmen नाम की एक वेबसाइट है, वहां से मुझे मेरे कस्टमर्स मिल जाते हैं। मैं कोई सड़क छाप escort थोड़ी हूँ। (मुस्कुराते हुए)"


     कार्तिक की सारी बातें सुनकर अयान अब शांत हो जाता है। शाम तक जहां उसके मन में इतने सारे ख्याल, इतनी सारी बातें, चल रही थी। अब वह सब धुंधली हो चुकी थी। कार्तिक भी अयान की इस चुप्पी को समझता है, और कहता है।



कार्तिक :- " मैं समझ सकता हूं, तुम्हें अभी कैसा लग रहा होगा, यह सब सुनकर। इसलिए मैं तुम्हें खुद से दूर रहने के लिए कहता था। मैं तुम्हारे प्यार के लायक नहीं हूं। लेकिन जब भी तुम्हारी आंखों में देखता हूं, तो लगता है, कि यह सब छोड़ कर तुम्हारे साथ कहीं दूर चला जाऊं। लेकिन ऐसा कर पाना मेरे लिए मुमकिन नहीं। और मैं तुम्हारे लिए सही इंसान भी नहीं।"


       कार्तिक थोड़ी देर इंतजार करता है, कि शायद अब अयान कुछ बोलेगा, लेकिन अयान तो अभी भी, कार्तिक की बातों के बारे में ही सोचे जा रहा था।


कार्तिक :- "Ok तो फिर चलो, अब मुझे चलना चाहिए। तुमसे मिलकर, तुमसे बात करके, अच्छा लगा। तुम्हारी हफ्तों की कोशिशों ने मेरे दिल में भी तुम्हारे लिए जगह तो बना ही दी थी, लेकिन यह सही भी तो नहीं है। हमारी मुलाकातों का यहीं पर खत्म होना ही हमारे लिए ठीक रहेगा।"



       कार्तिक वहां से उठता है, और अयान के फ्लैट से बाहर चला जाता है। अयान अभी भी वही खाने की मेज पर बैठा कार्तिक की कहीं एक एक बात को समझने, और अपने दिल और दिमाग में उतारने की कोशिश करता है। इस रात का यूं अंत होगा यह तो ना अयान ने कभी सोचा था, नाही कार्तिक ने। कुछ देर बाद अयान का फोन बजता है, अयान फोन उठाता है, तो सामने से उसके दोनों दोस्त उससे आज रात की सारी बातें जानना चाहते थे। अयान के बताए अनुसार, आज अयान कार्तिक के सामने अपने प्यार का इजहार करने वाला था। लेकिन अयान के दोस्तों को सुनने को कुछ और ही मिलता है। अयान के दोस्तों को जब सारी बात पता चलती है, तो उन्होंने ना चाहते हुए भी अयान को कार्तिक से दूर रहने की सलाह दी। लेकिन ऐसा कर पाना अयान के लिए बेहद मुश्किल था। कुछ दिनों तक अयान के दिमाग और दिल के बीच एक द्वंद्व चलता रहा। जहां उसका दिमाग कार्तिक के दूसरे पहलू पर जोर देता। वही उसका दिल कार्तिक के प्रति प्यार का एहसास कराता। और इस उधेड़बुन में आखिरकार जीत हुई तो उस पहली नजर की, जो अयान के दिल में बहुत गहरी जगह बना चुकी थी। उसके आगे बाकी सब कुछ नजरअंदाज कर, अयान कैफे के बाहर कार्तिक के आने का इंतजार करने लगा।



कार्तिक :- (अयान को वहां देख कर, आश्चर्य से) "तुम!!!! मुझे नहीं लगा था, की अब मैं दोबारा तुम्हें कभी भी देखूंगा।"


अयान :- (कार्तिक की ओर बढ़ते हुए) "मेरे कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब मुझे चाहिए।"


कार्तिक :- (अयान को साथ चलने का इशारा करते हुए) "बिल्कुल, आज मैं free हूँ, हम आराम से बात कर सकते हैं।"


अयान :- "तुम ये काम शौक से करते हो, या मजबूरी में?"


कार्तिक :- (अयान की तरफ देख कर, मुस्कुरा कर) "कोई भी ये काम शौक से तो नही ही करेगा।"


अयान :- "तो तुम ये काम छोड़ सकते हो??"


कार्तिक :- "इस काम की ज्यादा उम्र वैसे भी नही होती, आज से 8 10 साल बाद ही मुझे कोई नही पूछेगा।"


अयान :- (कार्तिक का हाँथ पकड़ कर) "तो जो कुछ समय बाद करना है, वो अभी ही क्यों नहीं। मैं इसमे तुम्हारी पूरी मदद करूँगा।"


कार्तिक :- (अयान की तरफ मुड़कर, उसके हाँथ के ऊपर हाँथ रख कर) " मेरा सच जानने के बाद भी तुम यहां खड़े हो, इसी से तुम्हारे लिए मेरे मन में बहुत respect है।  लेकिन दोनों बहनों की शादी, मां के लिए घर, इस काम के बिना, मैं यह सब नहीं कर पाऊंगा। और इन सब के लिए मैं तुम्हारी मदद नहीं लेना चाहूंगा। क्योंकि फिर तुम से पैसों की मदद लेकर, अगर मैं तुम्हारे साथ रहूंगा, तो वह भी मेरे इस काम के बराबर ही रहेगा। और मैं ऐसा बिल्कुल नहीं करूंगा। मैं बिल्कुल झूठ नहीं बोलूंगा, तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो। जब तुम बिना कुछ कहे, मेरे गुस्से में कही बातों को भी मान लेते हो, और आज यहां आकर मुझसे ऐसे बात करके, तुम्हारे लिए मेरी पसंद और बढ़ गई है। लेकिन अब इसे यहीं तक रखें, तो हम दोनों के लिए बेहतर रहेगा।"



      यह कहते वक्त कार्तिक की आंखें नम थी। इसके दो कारण थे। एक तो यह, कि वह खुद भी इस गंदगी से दूर जाना चाहता था, लेकिन अपनी मजबूरी की वजह से वह चाहकर भी ऐसा नहीं कर सकता था। और दूसरा कारण था अयान!!!! अयान वो पहला लड़का था, जो इतने दिनों से कार्तिक के आगे पीछे sex के लिए नहीं, बल्कि प्यार के लिए घूम रहा था। कार्तिक के मन में भी अब तक अयान के लिए एक खास जगह बन चुकी थी। लेकिन अयान का साथ कहीं उसे कमजोर ना बना दे, इसलिए वह अयान से दूरी बनाए रखना चाहता था। लेकिन आज अयान पीछे हटने के मूड में ही नहीं था।



अयान :- " मैं  भी तुमसे कोई झूठ नहीं बोल रहा, लेकिन तुमसे मिलने से पहले, मैंने कभी सोचा तक नहीं था, कि मुझे कभी प्यार भी होगा। वह भी एक लड़के से। तो मैं अपने पहले प्यार को इतनी आसानी से तो नहीं जाने दूंगा। मैं यह बिल्कुल नहीं चाहता, कि कुछ सालों के बाद, मैं यह सोचूं, कि शायद ऐसा किया होता, या यह कोशिश की होती, तो शायद आज हमारी जिंदगी कुछ और होती। तो मैं वह सब try कर लेना चाहता हूं, जिससे मैं तुम्हें अपनी जिंदगी में हमेशा के लिए कैद कर सकूं। और मैं चाहता हूं कि तुम भी मुझे एक मौका दो। अगर मैं ऐसा नहीं कर पाता, तो तुम आजाद रहोगे मेरी तरफ से। और मैं तुम्हें कभी परेशान नहीं करूंगा। लेकिन तुम्हें मेरे भरोसे पर बस एक बार भरोसा तो करना ही होगा।"



        इस समय अयान की आंखों में जो विश्वास की चमक थी, कार्तिक के लिए उसे नजरअंदाज करना नामुमकिन था। और वह बिना कुछ सोचे समझे, अयान की आंखों में देखकर, "हां" मैं अपना सर हिला देता है। और अयान के चेहरे को अपने हाथों में पकड़ कर, उसके होठों पर kiss करता है।



थम सा गया है ये जहाँ,

आगोश में आकर तेरे।

रुक सी गई है ये धड़कन,

छू के होठों को तेरे।

मैं तो चाहूं रुकना, तेरी बाहों में हमेशा के लिए।

लेकिन जब जिस्म से निकले ये रूह,

तो नाम तेरा ही आए लबों पे मेरे।



        कुछ समय बाद सब कुछ एक परियों की कहानियों की तरह होने लगा था। कार्तिक अब अयान के साथ उसके फ्लैट में शिफ्ट हो गया था। अयान ने अपनी ही कंपनी के कॉल सेंटर में कार्तिक की जॉब लगवा दी थी। कार्तिक ने इंग्लिश बोलना पहले से ही सीख रखा था, जो उसके काम के लिए भी फायदेमंद था। और उसका फायदा अयान को भी मिला, और थोड़ी जद्दोजहद के बाद कार्तिक को कॉल सेंटर की जॉब मिल गई थी। दिखने में कार्तिक किसी हीरो से कम नहीं था। जिसका फायदा वह अभी तक अच्छे रुपए खर्च करने वाले कस्टमर्स की तलाश में उठाया करता था। और इसी खूबसूरती का फायदा अयान ने भी उठाया। दिल्ली की कई मॉडलिंग एजेंसीज में कार्तिक का पोर्टफोलियो भेजा, और धीरे-धीरे कार्तिक को मॉडलिंग के असाइनमेंट भी मिलने लगे। तो जिन पैसों के खातिर कार्तिक जिस्मफरोशी किया करता था, उसका इंतजाम अयान ने अपनी सूझबूझ से कर दिया था। रही बात कार्तिक के अयान के साथ उसके फ्लैट में रहने की, तो इसके लिए भी अयान ने ही कार्तिक को मनाया था। अयान के लिए अब कार्तिक से दूर रहना थोड़ा मुश्किल हो गया था। उधर कार्तिक भी एक शर्त पर ऐसा करने को राजी हुआ था, कि जितना खर्चा उसका अभी अकेले रहने पर होता है, कम से कम उतने रुपए अयान को कार्तिक से लेने ही होंगे। और दोनों अपनी अपनी रजामंदी से एक साथ एक फ्लैट में रह रहे थे।



        इसी बीच दोनों का रिश्ता भी मजबूत हो रहा था। जहां अयान तो कार्तिक के लिए अपने प्यार का इजहार पहले ही कर चुका था, वहीं अब कार्तिक भी इस रिश्ते को प्यार का नाम दे रहा था। कार्तिक की तरफ से बढ़ती नजदीकियों को अयान ने kissing, hugging, cuddling तक ही रोका हुआ था। कार्तिक के मन में कभी यह बात ना आए की, शारीरिक संबंध अयान की, की हुई मदद के लिए हैं। इसलिए  अयान उस सही समय के इंतजार में कार्तिक से थोड़ी दूरी बनाए हुए था। कार्तिक ने फोन पर अपने घर वालों की बात अयान से कराई थी, और अयान के भी दोस्त वीडियो कॉलिंग के जरिए दोनों को साथ देख चुके थे। अयान कि वह शायरी की डायरी जो अभी तक सिर्फ अयान की निजी वस्तुओं में शामिल थी, अब कार्तिक अयान की हर एक शायरी पढ़ चुका था, और वाहवाही भी कर चुका था। अयान की उन शायरियों को एक किताब का रूप देने के लिए कार्तिक बार-बार अयान को मनाता भी था। और बातों ही बातों में कार्तिक के फ्यूचर प्लांस का अयान को एल्म हो चुका था। कार्तिक की सबसे पहली priority अपनी बहनों की, किसी अच्छे घर में, बड़ी धूमधाम से शादी करने की थी। और उसके बाद कार्तिक एक कैफ़े भी खोलना चाहता था। और इसके लिए उसने अभी तक कुछ savings भी कर रखी थीं।



           अब बारी थी अयान के मम्मी पापा को, अयान के और कार्तिक के रिश्ते के बारे में बताने की। अयान के दोस्तों ने उसे सलाह दी, कि वह खुद ग्वालियर जाकर उन्हें इस बारे में बताएं। और अयान भी इस सुझाव को मान गया। कार्तिक और अयान की आज रात की ट्रेन थी। लेकिन आज सुबह से ही कार्तिक की तबीयत थोड़ी ठीक नहीं लग रही थी, उसे हल्का बुखार भी था, हल्का फ्लू जैसा भी लग रहा था। कार्तिक ने आज के अपने सारे काम कैंसिल कर घर पर रहना ही तय किया, और कुछ दवा भी खाई। जिससे उसे थोड़ा आराम भी मिल गया। अयान भी आज कार्तिक के साथ घर पर ही रुकना चाहता था, लेकिन कार्तिक ने उसे जबरदस्ती ऑफिस भेज दिया। शाम को जब अयान घर वापस आया, तो कार्तिक को सुबह से भी ज्यादा बुखार था। उसने सबसे पहले रात के ग्वालियर की ट्रेन के टिकट कैंसिल किए, और कार्तिक को पास के ही एक क्लीनिक पर ले गया। डॉक्टर ने भी कार्तिक को चेक किया और फ्लू की 3 दिन की दवा देकर वापस भेज दिया।



        रात भर अयान कार्तिक के सिरहाने ही बैठा रहा, और ठंडे पानी की पट्टियां उसके सर पर बदलता रहा। लेकिन उस डॉक्टर की दी दवा का कुछ खास असर उसे कार्तिक के ऊपर दिखाई नहीं दे रहा था। अब तो कार्तिक की skin पर कई जगह  rashes भी नजर आने लगे थे। और कार्तिक को normal से कहीं ज्यादा पसीना भी आ रहा था। दोनों ने सुबह का इंतजार किया। सुबह होते ही अयान कार्तिक को अलकेमिस्ट हॉस्पिटल ले गया। कार्तिक को हॉस्पिटल में एडमिट कर ड्रिप लगा दी गई, और कुछ टेस्ट करवाए गए। शाम तक सभी टेस्ट की रिपोर्ट आ चुकी थी। डॉक्टर ने अयान को अपने केबिन में बुलाया, और बताया कि कार्तिक को HIV Infection है, और यह थर्ड स्टेज यानी AIDS है।



          यह सुनने के बाद अयान के कानों में बस कार्तिक की बातें, उसकी हंसी ही गूंजने लगी। उसके सामने बैठे डॉक्टर ने इसके बाद जो भी बोला अयान को कुछ भी सुनाई ही नहीं दिया। कुछ देर बाद अयान वहां से उठा और सीधा कार्तिक के पास आया, और उसे जोर से गले लगा लिया। इस वक्त वहां कार्तिक के पास 2 नर्स भी खड़ी थी, लेकिन अयान को तो सिर्फ कार्तिक ही दिखाई दे रहा था। अयान की आंखों से आंसू बहे जा रहे थे। लेकिन उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल रहा था। कार्तिक बार-बार अयान से उसके रोने की वजह पूछे जा रहा था। लेकिन अयान के कानों में अभी भी बस कार्तिक की हंसी ही गूँजे जा रही थी। अयान कार्तिक की ना तो कोई बात सुन रहा था, और ना ही उसे अपनी बाहों से अलग कर रहा था। डॉक्टर ने वहां आकर कार्तिक को सारी बात बताई। यह सब सुनना कार्तिक के लिए भी बिल्कुल आसान नहीं था। आंखें तो कार्तिक की भी आंसुओं से भर गई थी। लेकिन उसने अभी भी अयान को समझाना और उसे चुप कराना ही सही समझा। कार्तिक ने डॉक्टर से उसके पास बचे समय के बारे में पूछा, और डॉक्टर ने कुछ हफ्ते या 1 महीने का उत्तर कार्तिक को बड़ी दबी जबान में दिया। कार्तिक के जोर देने पर अयान का भी blood टेस्ट करवाया गया, जिसमे उसकी रिपोर्ट negative आयी।



        कार्तिक की जिद पर अयान दूसरे ही दिन कार्तिक को वापस घर ले आया। कार्तिक की हालत तो उसकी बिगड़ी तबीयत की वजह से खराब ही थी, लेकिन अयान की भी तबीयत ना सोने, और बेहद रोने की वजह से खराब लग रही थी। यह हफ्ता दोनों के लिए बहुत कठिनाइयों से भरा गया। जहां अयान सब कुछ छोड़कर बस कार्तिक के छोटे-छोटे काम करने, उसे हर तरीके से आराम देने में लगा रहा, वहीं कार्तिक भी अयान के सामने नॉर्मल रहने का दिखावा करता रहा। कार्तिक अपना दर्द और तकलीफ तो अयान से छुपा सकता था, लेकिन शरीर पर बढ़ते निशान, उसका गिरता वजन, उसके चेहरे का बदला रंग, यह सब छुपा पाना नामुमकिन था। लेकिन इस एक हफ्ते भर में दोनों एक दूसरे से बिछड़ने के लिए सहज और तैयार हो गए थे। इसके लिए कार्तिक ने अयान के मन को बहुत मजबूत बना दिया था। लेकिन कार्तिक का मन रखने के लिए अयान सहज़ तो हो गया था, अपने चेहरे पर मुस्कुराहट भी ले आया था, लेकिन उसके मन में उठते तूफान, और कार्तिक से दूर होने के एहसास ने गहरी जगह बना ली थी। इस हफ्ते भर में अयान ने कार्तिक की मम्मी और बहनों को भी गांव से बुलवाकर, कार्तिक से मिलवाया था। कार्तिक ने भी अपनी सारी savings अयान को सौंप दी थी। और उसकी बहनों की शादी का जिम्मा भी अब अयान के हवाले था।



         अब कार्तिक की तबीयत पहले से कई ज्यादा खराब हो चुकी थी। अब तो बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के उसे सांस लेने में भी कठिनाई होती थी। अब कार्तिक का सारा समय बिस्तर में लेटे हुए ही निकल जाता था। अयान भी सारे काम छोड़कर सिर्फ कार्तिक को आराम देने में ही लगा हुआ था। कार्तिक की ज़िद पर अयान ने एक शायरी तुरंत बनाकर कार्तिक को सुनाई।



"क्या होता है प्यार,


यह हमने तुमसे मिलकर है जाना।


आंखों की मदहोशी ने,


बना दिया है तुम्हारा दीवाना।


यूं तो देखे हैं हमने कई हसीन चेहरे बाज़ारों में,


सादगी की कोई बराबरी ही नहीं,


तुम्हें देखकर हमने है माना।"



           यह वो आखरी शायरी थी, जो कार्तिक ने अयान के मुंह से सुनी। और अयान की गोद में मुस्कुराकर कार्तिक ने कहा "फिर मिलेंगे" और अपनी आखिरी सांसें ली।



       अयान के लिए यह बहुत कठिन समय था। यूं तो दोनों ने इस समय के लिए एक दूसरे को बहुत हिम्मत दी थी, बहुत ढांढस बंधाया था। लेकिन जब यह समय सच में अयान के सामने था, तो उसके लिए इस समय का सामना करना बेहद ही मुश्किल था। रोते बिलखते अयान ने कार्तिक की मां और बहनों को वापस गुड़गांव बुलाया। और सारी जिम्मेदारी के साथ कार्तिक को इस दुनिया से विदा किया।




         कुछ सालों बाद कार्तिक की इच्छा के अनुसार, अयान ने उसकी दोनों बहनों की शादी करवाई, और गांव में उसकी मां के घर को नया रूप भी दिया। वह कैफ़े जहां कार्तिक काम किया करता था, अयान ने अब उस कैफ़े की half owenership भी खरीद ली है, और ऑफिस के बाद अब अयान अपना सारा समय उसी कैफे में बिताता है। कार्तिक की कमी को तो अब कैसे भी पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन कार्तिक के साथ बिताए अच्छे समय की यादों का सहारा ही अयान के लिए काफी है। अयान के दोनों दोस्तों के साथ साथ अब उसके मम्मी पापा का भी साथ उसके साथ है। कार्तिक के बारे में, और अपने एहसासों के बारे में, अयान अपने मम्मी पापा को अवगत करा चुका है। थोड़ा मुश्किल जरूर रहा, लेकिन अयान के मम्मी पापा ने अब उसे इस हाल में भी अपना लिया है। और इस सबमें अयान के दोस्तों की भी अहम भूमिका रही है।




     अयान को फिर से उसकी शायरियों ने सहारा दिया है। लेकिन इस बार अयान अकेला नहीं है। उसके अब ऑफिस में अच्छे दोस्त भी हैं, और कैफ़े का स्टाफ भी अब उसका परिवार बन गया है। और सबसे अहम, कार्तिक की यादें अब हमेशा उसके चेहरे पर एक मीठी मुस्कान बिखेरी रहती हैं।




"तेरी यादों का आलम,

कुछ इस तरह छाया है।

हर समय, हर घड़ी, हर पल,

घेरे मुझे तेरा साया है।

अब तक अकेलेपन के अंधेरे से भरा था मेरा जीवन,

अब इस वीराने में भी,

मेरे साथ तेरा अक्स नजर आया है।"


*********************************************



Lots of love

Yuvraaj ❤️ 






2 comments:

  1. The heart touching story...

    Story read karte huye Meri aakho se aashu ruk hi nahi rahe the...

    ReplyDelete

Shadi.Com Part - III

Hello friends,                      If you directly landed on this page than I must tell you, please read it's first two parts, than you...